रांची: झारखंड के लाइसेंसधारी शराब विक्रेताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन किया. इस दौरान उन्होंने इस सरकार के समक्ष अपनी कई बातों को रखा. उनकी मानें तो सरकार की ओर से राजस्व बढ़ाने के निर्णय की दोहरी मार झारखंड खुदरा शराब विक्रेताओं को झेलनी पड़ रही है.
जानकारी देते शराब विक्रेता झारखंड के अनुज्ञाधारी शराब विक्रेताओं के अनुसार, जनवरी से EDT को 7.2% से बढ़ाकर 9% कर दिए जाने से दुकान संचालन में परेशानी हो रही है. कोरोना के कारण लगाए गए 10% SED को वापस लिया जाएं, झारखंड नियमावली के अनुसार, अनुज्ञाधारियों को 12% लाभांश मिलना चाहिए, जो वर्तमान में नहीं मिल रहा है, जिसमें संशोधन कर 15% किया जाए और 5% विलंब शुल्क घटाकर 0.5 किया जाए.
ये भी पढ़ें-सरयू राय से मिलने उनके आवास पहुंचे बिहार सरकार में मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, ली स्वास्थ्य की जानकारी
दोहरी मार झेल रहे झारखंड खुदरा शराब विक्रेता
अनुज्ञाधारी शराब विक्रेताओं की मानें तो सरकार की ओर से राजस्व बढ़ाने के निर्णय के कारण दोहरी मार झारखंड खुदरा शराब विक्रेताओं को झेलनी पड़ रही है, जिसके कारण वह गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. वर्तमान में अनलॉक में बहुत सारे आर्थिक गतिविधियां बाधित रही है. इसके कारण शराब की बिक्री कम हो गई है और इसका खामियाजा खुदरा दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है. इन तमाम दिक्कतों से संबंधित समस्याओं को लेकर पूर्व में विभाग के सचिव को ज्ञापन सौंपा गया है. अनुज्ञाधारी शराब विक्रेताओं ने सरकार से मांग की है कि उनकी मांगों को पूरी की जाए.