रांची:वामदलों ने राज्य में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही सरकार के कामकाज पर नाराजगी जताते हुए आंदोलन छेड़ने का निर्णय लिया है. 19 मई को पुराने विधानसभा भवन में होने वाले पार्टी के राज्य सम्मेलन की तैयारी को लेकर आयोजित बैठक में वामदलों ने एक स्वर से राज्य में विस्थापन, पलायन, जमीन के मुद्दे पांचवी अनुसूची के अंतर्गत ग्राम सभाओं के अधिकार, पेसा, काश्तकारी कानून की रक्षा, मजदूरों का न्यूनतम वेतन, राज्य के स्थानीय युवाओं का नियोजन, स्थानीयता, नियोजन नीति जैसे मुद्दों पर आंदोलन करने का निर्णय लिया है. इन मुद्दों पर प्रखंड, जिला और राज्यस्तर पर होनेवाले आंदोलन की रूपरेखा 19 मई को होनेवाले राज्यस्तरीय सम्मेलन में तय होगी.
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राज्यस्तरीय सम्मेलन 350 से अधिक वाम नेताओं का होगा जुटानः राज्यस्तरीय सम्मेलन की जानकारी देते हुए सीपीआई के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने कहा कि इस कन्वेंशन में राज्य के सभी जिलों से वामदलों के 350 से ज्यादा प्रमुख नेतृत्व कारी साथी भाग लेंगे. सुबह 11 बजे दिन से अपराह्न 4:00 बजे तक सम्मेलन चलेगा. जिसमें संयुक्त आधार पत्र, राजनीतिक प्रस्ताव और आंदोलनों की रूपरेखा तय की जाएगी.
नीतीश के एंटी बीजेपी मुहिम का वामदल करेगा समर्थन: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा चलाए जा रहे एंटी बीजेपी मुहिम का वामदलों ने समर्थन करते हुए कहा है कि जिस तरह से समन्वय बनाने की कोशिश की जा रही है, वह निश्चित रूप से आनेवाले समय में राजनीतिक दृष्टि से अहम होगा. सीपीआई के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने कहा कि वाम दलों के नेताओं से नीतीश कुमार ने पिछले दिनों दिल्ली में मुलाकात की थी. जिसमें वाम मोर्चा ने उनके मुहिम का स्वागत किया है. झारखंड में इसका लाभ कितना मिलेगा वो कहना अभी जल्दबाजी होगी.
केंद्र की भाजपा सरकार पर भी साधा निशानाःइस मौके पर वाम दलों के नेताओं ने कहा कि भाजपा एकओर देश की राष्ट्रीय संपदा की लूट कर रही है, वहीं दूसरी तरफ भारत का संविधान देश के फेडरल ढांचे और जनतंत्र समेत आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है. इसके साथ ही सुनियोजित तरीके से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए आम नागरिकों के बीच नफरत और घृणा का माहौल फैलाया जा रहा है.
भाजपा आक्रामक तरीके से हेमंत सरकार पर कर रही हमलेःझारखंड भी उनके मुख्य निशाने पर हैं. अभी इनका तय एजेंडा यह है कि आदिवासियों को ईसाई और गैर ईसाई मैं विभक्त किया जाए. मुस्लिम और अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत की मुहिम तेज की जाए, ताकि उन्माद और उत्पाद की सांप्रदायिक राजनीति के माध्यम से ध्रुवीकरण को बढ़ाया जाए. हेमंत सरकार इनसे सख्ती से निपटने में राजनीतिक रूप से सफल नहीं हो पा रही है. जबकि भाजपा आक्रामक तरीके से हेमंत सरकार पर हमले कर रही है. राजेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सीपीआई के अजय सिंह, प्रमोद कुमार पांडे, बीएन ओहदार, भुवनेश्वर केवट, मासस के सुशांत मुखर्जी सहित कई नेता उपस्थित थे.