रांची:झारखंड के आईपीएस अधिकारियों में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में जाने की होड़ लगी हुई है. एक महीने के भीतर झारखंड के दो तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी अंशुमान कुमार और विनीत कुमार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं. जबकि आधा दर्जन के करीब आईपीएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए तैयार बैठे हुए हैं.
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एक तरफ झारखंड पुलिस में पहले से ही आईपीएस अधिकारियों की कमी है, लेकिन इन सबके बावजूद झारखंड के आईपीएस अधिकारियों में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की होड़ मची हुई है. हाल तो यह है कि झारखंड के कई आईपीएस जो अभी किसी जिले में एसपी नही बने वह भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं. तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी विनीत कुमार बिना किसी जिला में एसपी बने ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए निर्मित हो चुके हैं. वह आईबी में योगदान देंगे. वहीं कई आईपीएस अफसर तो ऐसे हैं जो दोबारा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं.
कौन कौन है लाइन में:आगे चल कर झारखंड के कई तेज तरार आईपीएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले जाएंगे. एडीजी रैंक के आईपीएस अनिल पालटा, रांची डीआईजी अनीश गुप्ता, शिवानी तिवारी, अखिलेश झा, अखिलेश वी वारियर सहित कई आईपीएस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी कर चुके हैं. अनुमान है कि अगले दो महीनों के भीतर यह सभी आईपीएस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले जाएंगे. वहीं पिछले तीन महीने पहले ही झारखंड एटीएस को धार देने वाले एटीएस एसपी प्रशांत आनंद (एनआईए ) और लोहरदगा एसपी रही प्रियंका मीणा (आईबी) केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं.
कौन कौन कहां जा रहे:झारखंड झारखंड के तेजतर्रार सीनियर आईपीएस अनिल पालटा दोबारा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे. अनिल ने सेंट्रल विजिलेंस कमीशन में बतौर सेंट्रल विजिलेंस अफसर जाने के लिए आवेदन दिया है. राज्य पुलिस मुख्यालय ने अनिल पालटा के आवेदन को सहमित के बाद गृह विभाग भेज दिया है. पूर्व में अनिल पालटा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान सीबीआई में रह चुके हैं. सीबीआई में लंबे समय तक काम करने के बाद साल 2015 में वह झारखंड कैडर में वापस लौटे थे. वहीं, झारखंड के कई जिलों में पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी निभा चुके वर्तमान में रांची डीआईजी अनीश गुप्ता के बारे में सूचना है कि वह सीबीआई में जाएंगे. सीबीआई में उनकी प्रतिनियुक्ति के लिए नॉमिनेशन हो चुका है. सरकार से हरी झंडी मिलते ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले जाएंगे.
महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं झारखंड के आईपीएस:वर्तमान समय में झारखंड कैडर के कई आईपीएस अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए अहम पदों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. ईमानदार छवि वाले आईपीएस अधिकारी एसएन प्रधान डीजी रैंक के अधिकारी हैं. वे फिलहाल डीजी एनसीबी हैं. वहीं सीनियर आईपीएस अजय भटनागर सीबीआई में डिप्टी डायरेक्टर रैंक में काम कर रहे हैं. झारखंड की तेज तर्रार महिला आईपीएस संपत मीणा भी सीबीआई में ही जॉइंट डायरेक्टर हैं. वहीं, झारखंड कैडर के ही आईपीएस अनूप टी मैथयू और पी मुरुगन भी सीबीआई में महतवपूर्ण पदों पर हैं. जबकि माइकल राज एस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए रांची में पदस्थापित हैं.
एनआईए में कौन कौन है आईपीएस:आशीष बत्रा ,आईजी एनआईए ,जया राय ,एसपी एनआईए ,प्रशांत आनंद ,एसपी एनआईए (रांची ब्रांच)
सीआरपीएफ में कौन कौन है आईपीएस:साकेत कुमार सिंह छतीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन की कमान संभाल रहे, वह छतीसगढ़ सेक्टर के सीआरपीएफ आईजी हैं, वहीं एमएस भाटिया भी सीआरपीएफ में श्रीनगर सेक्टर में हैं.
कई दूसरे एजेंसी में भी कार्यरत है आईपीएस:सीबीआई, एनआईए और सीआरपीएफ के अलावा भी केंद्र की दूसरी कई एजेंसियों में भी झारखंड के आईपीएस कार्यरत हैं. उनमे प्रमुख हैं- नवीन कुमार सिंह (वरीय विश्लेषक, एनटीआरओ) बलजीत सिंह (ईडी सुरक्षा, ओएनजीसी), मनोज कौशिक (अतिरिक्त निदेशक, वित्त निगरानी), कुलदीप द्विवेदी (डीआइजी आइटीबीपी), अभिषेक और क्रांति कुमार गडिदेशी (डीआइजी बीपीआरएंडडी हैदराबाद), राकेश बंसल (निदेशक, कैबिनेट सचिव, नई दिल्ली), अखिलेश वी. वारियर और हरिलाल चौहान (सहायक निदेशक, एलबीएसएनएए मैसूर) में पदस्थापित हैं।
क्या है वजहें:झारखंड में आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग में बरती जाने वाली अनियमितता ईमानदार छवि के आईपीएस अफसरों के सेंट्रल डेपुटेशन में जाने का प्रमुख वजह बताया जाता है. हालांकि कोई भी आईपीएस अधिकारी इस मामले में खुलकर नहीं बोलता है. आईपीएस अधिकारी सेंट्रल डेपुटेशन पर जाने की बात को लेकर हमेशा यही कहते नजर आते हैं कि आईपीएस की नौकरी में सेंट्रल डेपुटेशन पर जाना जरूरी है, इसीलिए वह सेंट्रल डेपुटेशन पर जाते हैं. झारखंड के पूर्व तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी अरुण उरांव बताते हैं कि बेहतर कैरियर के लिए सेंट्रल डेपुटेशन पर जाना हर आईपीएस के लिए जरूरी है, लेकिन यह भी सही है कि झारखंड में नए आईपीएस अधिकारी भी सेंट्रल डेपुटेशन, पर जाने के लिए आतुर हैं, अरुण उरांव के अनुसार इतनी बड़ी संख्या में आईपीएस अधिकारियों के सेंट्रल डेपुटेशन, पर जाने के लिए आवेदन देना यह दर्शाता है कि उन्हें झारखंड में काम करने का माहौल नहीं मिल रहा है.