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गूगल ने दिखाई राह तो अपनों तक पहुंची बिछड़ी महिला

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में प्रशासनिक अधिकारियों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक वर्ष से लापता एक महिला को उसके परिजनों से मिलवाया है. महिला झारखंड की रहने वाली है और उसका एक वर्ष का बेटा भी है. मानसिक रूप से बीमार महिला फरवरी 2019 को रेलवे स्टेशन से लापता हो गई थी. लाॅकडाउन के दौरान महिला अधिकारियों को एमपी बाॅर्डर पर मिली थी.

LALITPUR ADMINISTRATION REUNITE A MENTALLY RETIRED WOMAN TO HER FAMILY WITH HELP OF GOOGLE MAP
मानवता की मिसाल

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Published : Jun 23, 2020, 4:29 PM IST

ललितपुर:मौजूदा कोरोना संकट में सबसे अधिक जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों पर है. वहीं अधिकारियों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक वर्ष से लापता महिला को उसके परिजनों से मिलवाया है. झारखंड के ग्राम हुटवार निवासी खुशबू नाम की महिला मानसिक रूप से कमजोर है और एक साल पहले वह झारखंड रेलवे स्टेशन से लापता हो गई थी. उसका एक वर्ष का बेटा भी है.

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एमपी बाॅर्डर पर अधिकारियों को मिली थी महिला
लाॅकडाउन के दौरान मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों से पलायन कर प्रवासी मजदूर जिले में आने लगे थे. उसी दौरान महिला अधिकारियों को एमपी बाॅर्डर पर मिली थी. अधिकारियों ने महिला को जीजीआईसी काॅलेज में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया था. क्वारेंटाइन अवधि पूरा होने के बाद क्वारेंटाइन सेंटर से प्रवासी मजदूर चले गए, लेकिन महिला वहीं रह गई. क्वारेंटाइन सेंटर के प्रभारी सुभाष चौहान ने बताया कि धीरे-धीरे महिला को विश्वास में लिया गया और उससे बातचीत की गई तो उसने बताया कि वह झारखंड की रहने वाली है. उन्होंने बताया कि वह मानसिक रूप से काफी कमजोर थी और बोलने में भी असमर्थ थी.

गूगल मैप के जरिये महिला के गांव का पता लगाया
सेंटर प्रभारी सुभाष चौहान ने बताया कि महिला अपने जिले का नाम नहीं बता पा रही थी. हम लोगों ने गूगल मैप पर झारखंड के सभी जिलों को सर्च कर सभी का नाम उसे बताया. इस दौरान लातेहार जिला का नाम आने पर महिला ने सिर हिलाकर हां में इशारा किया. जब वहां के अधिकारियों को फोन किया गया तो किसी का फोन नहीं उठा. उन्होंने बताया कि लातेहार जिले के सभी 730 गांवों को सर्च किया गया और हुटवार गांव का नाम आने पर महिला ने फिर से हां में इशारा किया.

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परिजनों ने फोटो देखकर की महिला की पहचान
अपर जिलाधिकारी न्यायिक लवकुश त्रिपाठी ने बताया कि इसके बाद हुटवार की पुलिस के संर्पक किया गया और वाट्सऐप पर युवती की फोटो भेजी गई. वहां की पुलिस फोटो लेकर गांव में गई, जिसे देखकर ग्रामीणों और परिजनों ने महिला की पहचान की. इसके बाद निजी वाहन से खुशबू के परिजन ललितपुर पहुंचे. कानूनी प्रक्रिया पूरी कर सदर एसडीएम गजल भारद्वाज के आदेश पर महिला को उसके परिजनों को सौंप दिया गया.

20 फरवरी 2019 को परिजनों से बिछड़ गई थी खुशबू
महिला खुशबू के पिता उदितपाल ने बताया कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं थी. इसलिए इलाज कराने के लिए पिछले साल 28 फरवरी को उसे उसके ससुराल जिला सासाराम से लेकर घर जा रहा था. उसे प्लेटफार्म पर बैठाकर टिकट लेने चला गया और जब टिकट लेकर वापस आया तो वह प्लेटफार्म पर नहीं थी. प्लेटफार्म पर अनाउंसमेंट भी कराया, लेकिन वह नहीं मिली. इसकी सूचना उसके ससुरालवालों को दी और सब मिलकर उसकी तलाश करने लगे, लेकिन वह कहीं भी नहीं मिली. उदितपाल ने बताया कि उसका एक वर्ष का एक बेटा भी है.

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