रांचीः सरकारी स्कूलों का हाल किसी से छिपा नहीं है. लेकिन राजधानी के इस सरकारी स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की कमी है. हैरत की बात ये है कि ये स्कूल मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के आवास से महज 10 कदम दूर है. ऐसे में उनकी नाक के नीचे सरकारी व्यवस्था का ये हाल. ऐसे में समझा जा सकता है सुदूर अंचल में संचालित सरकारी व्यवस्था का क्या हाल होगा.
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इस चिलचिलाती धूप और गर्मी में लोग राहत की सांस लेने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. निजी स्कूलों के साथ-साथ सरकारी स्कूलों में भी कक्षाएं संचालित हो रही है. निजी स्कूलों में ऐसी के साथ-साथ पंखे की भी व्यवस्था है. लेकिन शहर के बीचोंबीच स्थित राज्य सरकार के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के आवास के 10 कदम की दूरी पर डीआईजी ग्राउंड में एक प्राथमिक स्कूल संचालित है. जहां पंखा तो दूर की बात बिजली कनेक्शन तक नहीं है. रांची में सरकारी स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की कमी है.
देखें एक्सक्लूसिव रिपोर्ट यह राज्य के लिए शर्म की बात है. बिजली की आंख-मिचौली आम बात है लेकिन अगर शहर के बीचोंबीच स्थित किसी स्कूल परिसर में बिजली का कनेक्शन ना हो तो इसे आप क्या कहेंगे. ईटीवी भारत की टीम ने इसकी पड़ताल करने स्कूल परिसर गई. इस दौरान जो बातें सामने आई वाकई में चौंकाने वाली है. स्कूल में पढ़ने वाले ये नौनिहाल क्या कहेंगे, बस अपनी परेशानी किसी तरह बयां कर रहे हैं. इस बाबत स्कूल की प्राचार्या से बातचीत में उन्होंने ने भी माना कि एक अरसे से इस स्कूल में बिजली की व्यवस्था नहीं है तो पंखा कैसे लगाएं, हालत ये है कि यहां पर बिजली के तार तक नहीं पहुंचे हैं.
भीषण गर्मी में पढ़ते बच्चे मामला काफी गंभीर लगा और मामले को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता सीधे मंत्री के आवास पहुंची. इस दौरान संवाददाता ने मंत्री से इस संबंध में सवाल पूछा तो वह भी इस बात को लेकर गंभीर दिखे. उन्होंने तुरंत शिक्षा पदाधिकारी अरविंद विजय बिलुंग से फोन पर हमारे सामने ही बातचीत की और उन्हें जल्द से जल्द बिजली के साथ-साथ पंखे की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया. खैर मंत्री के एक फोन से बिजली की व्यवस्था करने का आश्वासन मिला है. लेकिन धरातल पर आने में उसे कितना वक्त लगेगा ये देखने वाली बात होगी.
स्कूल में बिजली का कनेक्शन नहीं इस तपती गर्मी से एक तरफ जहां लोग हलकान और परेशान हैं. ऐसे में सरकारी स्कूलों के बच्चों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं है. ऐसे और भी कई स्कूल हैं, जहां ना तो पंखा है ना पेयजल की व्यवस्था है और कुछ स्कूलों में तो बिजली का कनेक्शन तक नहीं है. सरकार बेहतरी का दावा रही है, निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों को विकसित करने की बात हो रही है. लेकिन धरातल पर देखा जाए तो इस राज्य में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी है. रांची के इस सरकारी स्कूल की तस्वीर महज बानगी और आईना है प्रदेश के बाकी स्कूलों के हाल का.