रांची: देश में 8 जनवरी को केंद्रीय मजदूर संगठनों और मजदूरों के साथ-साथ कर्मचारी फेडरेशन देशव्यापी हड़ताल करने जा रही है. इसे लेकर झारखंड में भी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
सीटू और एटक मजदूर यूनियन के महामंत्री पीके गांगुली ने बताया कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार पिछले 5 वर्षों में मजदूरों को दबाने का काम कर रही है. इसको लेकर सभी क्षेत्रों के मजदूरों ने 8 जनवरी को हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है, जिसमें झारखंड से लगभग 65 लाख से ज्यादा मजदूर हिस्सा लेंगे.
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पीके गांगुली ने बताया कि पिछले 3 वर्षों से हम अपनी मांगों को पूरी करने के लिए सरकार के पास अपनी बात रखने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार हमारी मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं है. सरकार ट्रेड यूनियन के नेताओं से बात करने की जरूरत भी नहीं समझ रही है. इन्हीं सब को देखते हुए हम लोगों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.
पीके गांगुली ने कहा कि इस हड़ताल में कोयला, इस्पात, रक्षा, खनिज तेल और गैस, फार्मासिटिकल, दूरसंचार, एयरपोर्ट, डाक सेवा, परिवहन, बैंक, बीमा, आंगनबाड़ी सेविका, सहिया, मिड-डे मील वर्कर, मुठिया मजदूर, कुरियर सेवा समेत खेत मजदूर भी शामिल होंगे.
हड़ताल को लेकर ट्रेड यूनियन के नेताओं ने बताया कि मजदूरों ने अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल का आह्वान किया है. जिसमें उद्योगों को बेचे जाने पर रोक लगाई जाय, संशोधित श्रम कानून में मालिक पक्षीय बदलाव वापस ली जाए, असंगठित क्षेत्रों के सभी कामगारों को कम से कम 21 हजार न्यूनतम मासिक वेतन दिया जाए, मासिक 6 हजार रुपया पेंशन दिया जाये, समान काम के लिए समान वेतन, नई पेंशन नीति को रद्द किया जाए, सभी परियोजना कर्मियों को स्थाई किया जाए, नियत अवधि के रोजगार की अधिसूचना वापस ली जाए और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराये जाने की मांग है.
आपको बता दें कि विभिन्न मांगों को लेकर 10 केंद्रीय मजदूर संगठन और 100 से ज्यादा मजदूर और कर्मचारी फेडरेशनों के आह्वान पर 8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल बुलाया गया है, जिसमें लगभग 25 करोड़ से ज्यादा मजदूरों के शामिल होने की बात कही गई है. वहीं इस हड़ताल में झारखंड से लगभग 65 लाख मजदूरों के शामिल होने की बात ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कही है.