रांची:मंगलवार को मजदूर यूनियन और ट्रेड फेडरेशन से जुड़े लोगों ने श्रम भवन का घेराव कर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा, मजदूरों ने 14 सूत्री मांगों को लेकर डोरंडा चौक से श्रम भवन तक पैदल मार्च किया और केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ नारे लगाए. विरोध कर रहे मजदूरों ने कहा कि केंद्र सरकार जिस तरह से मजदूरों के हक को नजरअंदाज कर उनका रोजगार छीन रही है. ऐसे में हम मजदूर नेता अपने लिए सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं.
14 सूत्री मांगों को लेकर मजदूर नेताओं ने श्रम विभाग के सामने किया प्रदर्शन, झारखंड के मजदूरों की हालत पर जताई चिंता
रांची में अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर मजदूर नेताओं ने श्रम भवन के सामने प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो वे आगे उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे.
मजदूरों के मार्च का नेतृत्व कर रहे मजदूर नेता भवन सिंह बताते हैं कि झारखंड में मनरेगा जैसे योजनाओं को अगर सही से क्रियान्वित किया जाए तो राज्य के मजदूरों को पलायन नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि न्यूनतम मजदूरी पर भी सरकार को विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि जिस तरह से महंगाई चरम पर है. ऐसे में मजदूरों की दिहाड़ी को बढ़ाने की आवश्यकता है. अपने 14 सूत्री मांगों के तहत मजदूर नेता भवन सिंह के नेतृत्व में मजदूर नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल श्रम विभाग के अधिकारी एस भगत को ज्ञापन सौंपा.
प्रदर्शन करने पहुंचे मजदूरों ने कहा कि अगर 15 दिनों के अंदर झारखंड के मजदूरों को लेकर सरकार और विभाग की तरफ से कोई पहल नहीं की गई तो आने वाले दिनों में वे आंदोलन करने को विवश हो जाएंगे. इस प्रदर्शन में मजदूर नेताओं के साथ-साथ ट्रेड यूनियन और वामदल के नेताओं का भी पूरा समर्थन रहा है. समर्थन कर रहे वामदल नेताओं ने कहा कि जिस तरह से झारखंड के दिहाड़ मजदूर पलायन करने को मजबूर हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि केंद्र और राज्य में मजदूर विरोधी है.