रांची: कोविड-19 के संक्रमण के इस संकट में लैब टेक्नीशियन अपनी जान पर खेलकर पॉजिटिव मरीजों के सीधे संपर्क में आकर काम कर रहे हैं. इसीलिए उन्हें रियल फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स का दर्जा दिया गया है.
इसी के मद्देनजर रिम्स में कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम कर रहे लैब टेक्नीशियनों ने स्वास्थ विभाग से स्थायीकरण करने की मांग की है ताकि अगर वो काम के दौरान कोविड-19 से संक्रमित होते हैं तो उन्हें राज्य सरकार के सभी संसाधनों का लाभ मिल सके.
इसी को लेकर पिछले कई दिनों से रिम्स में कार्यरत 33 लैब टेक्नीशियन लगातार अपना विरोध जता रहे हैं और रिम्स प्रबंधन से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक स्थायीकरण की मांग कर चुके हैं, लेकिन इनकी लगातार मांग के बावजूद भी अब तक इनका स्थायीकरण पर कोई विचार नहीं किया गया है.