रांची:झारखंड मेंचुनाव से पहले कई संगठन अपने जन आधार को साबित करने में जुटे हुए हैं. झारखंड में कुशवाहा समाज ने एकजुटता दिखाते हुए आगामी चुनाव में हुंकार भरने की बात कही है. चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने के लिए झारखंड प्रदेश कुशवाहा समाज महासभा की तरफ बैठक की गई. जिसमें यह तय किया गया है कि आने वाले चुनाव में कुशवाहा समाज अपनी घनी आबादी वाले क्षेत्र से जनप्रतिनिधि खड़ा करेगा और चुनाव में जीत प्राप्त करेगा. इसके बाद सदन में अपने हक की मांग करेगा.
बैठक में झारखंड कुशवाहा महासभा के अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में कुशवाहा समाज के लोगों की अपेक्षा की जा रही है. सत्ता में बैठे लोग कुशवाहा समाज के लोगों को नजरअंदाज कर रहे हैं. आज की तारीख में झारखंड में रहने वाले कोइरी, काछी, शाक्य, सैनी, मौर्य, दांगी, माली, मुरई, बनाफर, मुरार जैसी जाति खुद को कुशवाहा से अलग मानती है. जबकि ये सभी जातियां कुशवाहा के घटक जाति हैं. यदि यह सभी जातियां एक हो जाएं तो आने वाले समय में झारखंड के चुनाव में यह अपने शक्ति प्रदर्शन कर सकते हैं.
कुशवाहा समाज महासभा के अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि आज की बैठक में चार बिंदुओं पर चर्चा की गई. पहली मांग यह है कि पिछड़ी जाति के अनुसूचित-1 में कुशवाहा समाज की शामिल किया जाए. वहीं, बैठक के माध्यम से कुशवाहा समाज की दूसरी मांग यह है कि पिछड़ी जाति को जनसंख्या के अनुपात के आधार पर आरक्षण दें. बैठक में कुशवाहा समाज ने तीसरी मांग करते हुए सरकार से अपील की है कि विकास का आधार कृषि को बनाया जाए. बैठक के समापन के बाद राजू महतो ने कहा कि जब तक कुशवाहा समाज एकजुट नहीं होगा, तब तक इस समाज का विकास होना संभव नहीं है.