रांची:कांग्रेस के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी के एक बयान पर हंगामा मचा हुआ है. गोड्डा में उन्होंने कहा था कि उनके पूर्वज यादव थे और उन्होंने सामंती सोच की वजह से अपना धर्म परिवर्तन किया. फुरकान अंसारी हिंदू धर्म की कूरितियों पर ध्यान आकृष्ट करा रहे थे. उन्होंने यहां तक कहा कि मोदी राज में एक राष्ट्रपति को मंदिर में जाने से रोका गया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनके पूर्वजों ने औरंगजेब के डर से नहीं बल्कि हिंदू धर्म की कूरितियों और इस्लाम धर्म की मोहब्बत की वजह से धर्म परिवर्त किया.
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दरअसल, मंगलवार को मौलाना अबुल कलाम आजाद इंटर कॉलेज के प्राचार्य डॉ नजीरुद्दीन की अपहरण के बाद हत्या मामले में फुरकान अंसारी बीजेपी के सांसद निशिकांत दूबे पर निशाना साध रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि निशिकांत दुबे ने एक तीर से दो निशाना लगाकर एक पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया. इसी दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी सामंती सोच वाली पार्टी है. जिससे लोगों को बच कर रहना चाहिए.
गोड्डा में बीजेपी पर निशाना साधते हुए फुरकान ने कहा कि उनके पूर्वज हिंदू थे और यादव जाति के थे. उन्होंने ये भी कहा कि इस पूरे इलाके में मरडिया मुसलमान रहते हैं. इनके पूर्वज भी हिंदू धर्म के मामने वाले थे और मंडल सरनेम रखते थे. बीजेपी की सामंती सोच का उदाहरण देते हुए कांग्रेस के पूर्व सांसद ने यहां तक कह दिया कि भारत जैसे देश में संविधान के सर्वोच्च पद पर बैठे राष्ट्रपति को भी मंदिर में जाने से रोका गया. उन्होंने कहा कि इसी सांमती सोच की वजह से भारत के कई हिंदुओं ने इस्लाम को अपना लिया. उनके पूर्वजों ने भी औरंगजेब के डर से नहीं बल्कि इस्लाम की अच्छाई की वजह से अपना धर्म परिवर्तन किया था.