नई दिल्ली/रांची: दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित नीति आयोग के शासी परिषद की आठवीं बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहा कि झारखंड में तीन वर्षों में विकास की गति में काफी तेजी आई है. झारखंड में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में निवेश की असीम संभावनाएं हैं और सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म के सिद्धान्तों को धरातल पर उतारते हुए झारखंड को उचित सहयोग प्रदान किया जाय. जिससे विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में झारखंड भी अपनी भागीदारी दर्ज करा सके. ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही.
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मुख्यमंत्री ने बताया कि MSME क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए अलग से MSME निदेशालय की स्थापना और वर्त्तमान जिला उद्योग केन्द्रों को जिला MSME केन्द्र के रूप में विकसित करने की योजना है. राज्य और जिलों में समन्वय स्थापित कर 2.8 लाख से अधिक पंजीकृत MSME उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा, राज्य में MSME प्रोत्साहन नीति 2023 और MSME विशेष रियायत अधिनियम 2023 का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे शीघ्र लागू किया जाएगा. MSME सेक्टर में स्थायी पूंजी पर देय पूंजीगत सब्सिडी को 25% से बढ़ाकर अधिकतम 40% तक किया जा रहा है. इसके साथ ही राज्य सरकार MSME के RAMP कार्यक्रम के तहत स्ट्रेटेजिक निवेश योजना भी तैयार कर रही है. नई Public Procurement Policy का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे शीघ्र लागू किया जाएगा. इससे समाज के कमजोर वर्गों यथा महिलाएं, अनुसूचित जाति / जनजाति और दिव्यांग उद्यमियों के स्वामित्व वाले उद्योगों को अधिक लाभ मिल सकेगा.
इज ऑफ डूइंग बिजनेस में झारखंड उत्कृष्ट:मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार की सुगमता मामले में झारखंड का प्रदर्शन हमेशा से उत्कृष्ट रहा है. व्यापार सुधार कार्य योजना के शुरुआती 5 संस्करणों में झारखंड हमेशा शीर्ष 10 राज्यों की सूची में रहा है. Reduction of compliance burden कार्यक्रम के तहत महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिसमें विशेष प्रक्रियाओं को सरल बनाना है. पिछले दो वर्षों यानी 2021 और 2022 में व्यवसायों के साथ साथ नागरिक सेवाओं से संबंधित कुल 507 Compliance Burden को कम किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि डिक्रिमिनलाइजेशन की दिशा में भी सरकार काम कर रही है, जिसका उद्देश्य छोटे उल्लंघनों पर सजा के स्थान पर वित्तीय दंड का प्रावधान करना है, ताकि व्यवसायियों और नागरिकों में भय का वातावरण समाप्त हो सके. इस क्रम में राज्य के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के द्वारा एक धारा को कम कर दिया है और 8 धाराओं को गैर-अपराधीकरण के लिए प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है.
आवागमन के साधन विकसित:मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में राष्ट्रीय उच्च पथ घनत्व को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने के लिए कुल 08 प्रमुख सड़क कॉरिडोर (1662.50 किमी) को भी चिन्हित किया है. इन राजकीय पथों को राष्ट्रीय उच्च पथों में विकसित किये जाने से राज्य के उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम कनेक्टिविटी सुदृढ़ होगी. साहिबगंज एवं मनिहारी घाट (बिहार) के मध्य गंगा नदी पर निर्माणाधीन उच्च स्तरीय सेतु के तर्ज पर राजमहल एवं मानिकचक (पश्चिम बंगाल) के मध्य गंगा नदी पर उच्च स्तरीय सेतु निर्माण के लिए NHAI से अनुरोध किया गया है. इस प्रोजेक्ट के लिए हमें केन्द्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा है. मुख्यमंत्री ने कहा कॉरिडोर (ii) होली टूरिस्ट कॉरिडोर एवं (iii) सेंट्रल कॉरिडोर को चिन्हित कर DPR तैयार किया जा रहा है. इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन में हमें केन्द्र से सहयोग की अपेक्षा है. झारखंड में नगरीय क्षेत्रों एवं आबादी का निरंतर विकास हो रहा है और इसी के अनुरूप नगरीय अवसंरचनाओं एवं नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. इसके तहत् 10 शहरों का नगर विकास योजना एवं 06 शहरों का Comprehensive Mobility Plan तैयार कर लिया गया है. राज्य के कुल 43 शहरों का GIS Based Master Plan भी तैयार कर लिया गया है. Online Building Plan Approval Management System एवं Layout Plan Approval Management System वर्तमान में 45 निकायों, 2 विकास प्राधिकार एवं रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन में लागू है.
महिला सशक्तिकरण के प्रति संवेदनशील:मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. राज्य में SHG एवं ग्राम संगठनों में महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने में झारखंड हमेशा से अग्रणी रहा है. पंचायतों में भी महिलाओं की भागीदारी के मामले में झारखंड की गिनती अव्वल राज्यों में की जाती है. महिला सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने हेतु सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना चलाई जा रही है. सावित्रीबाई फुले योजनान्तर्गत बालिकाओं की शिक्षा, बाल विवाह की रोकथाम, विद्यालय परित्याग की प्रवृति को कम करने आदि के उद्देश्य से 08 से 12 कक्षा वाले बालिकाओं को नगद आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. विश्व बैंक सम्पोषित तेजस्विनी योजनान्तर्गत कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से किशोरियों का सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जा रहा है. आजीविका मिशन के तहत लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण के लिए विशेष योजना चलायी जा रही है. ग्राम स्तर पर सखी मंडल से जुड़ी सभी महिलाओं को हिंसा से मुक्ति दिलाने एवं सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए अब तक 4,368 ग्रामों में जेंडर फोरम (बदलाव मंच) की स्थापना की गई है. डायन प्रथा से मुक्ति पाने के लिए झारखंड के 7 जिलों के 25 प्रखंडों में "गरिमा परियोजना मिशन मोड में चलाई जा रही है. आजीविका मिशन के तहत ही "फूलो झानो आशीर्वाद योजना" के तहत लगभग 30,000 महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण देकर उन्हें सम्मानजनक व्यवसाय से जोड़ा गया है.
पोषण एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो रहा कार्य:मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ झारखंड सुखी झारखंड के संकल्प के तहत प्रत्येक व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप राज्य के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सूचकांकों तथा सुविधाओं में काफी सुधार हुआ है. वर्तमान में शिशु मृत्यु दर 25 एवं मातृ मृत्यु दर 56 है. कालाजार उन्मूलन के क्षेत्र में किये गये निरंतर प्रयासों के कारण राज्य के चार जिलों यथा दुमका, गोड्डा, पाकुड़ एवं साहेबगंज में एन्डेमिक प्रखण्डों की संख्या 16 से घटकर 01 रह गई है. दुमका, साहिबगंज तथा गोड्डा जिला में एक भी प्रखण्ड अब एन्डेमिक नहीं है. झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां के सभी 24 जिलों के 260 प्रखण्डों तथा 32,210 ग्रामों का विश्लेषण कर ग्रामवार कुष्ठ रोगियों का जीआईएस मैपिंग कर दिया गया है. आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत राज्य निधि से अतिरिक्त राशि प्रदान करते हुए 33 लाख से अधिक अतिरिक्त परिवारों को योजना का लाभ प्रदान किया गया है. पोषण एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुपोषण की रोकथाम हेतु सरकार द्वारा समर ( SAAMAR) अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के अन्तर्गत कुपोषित बच्चों के चिन्हितीकरण हेतु गृह सर्वेक्षण का कार्य कराया जा रहा है.
युवाओं को बनाया जा रहा हुनरमंद:मुख्यमंत्री ने कहा राज्य के वंचित वर्गों को कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ने हेतु मुख्यमंत्री सारथी योजना का शुभारंभ किया गया है, जिसके माध्यम से आने वाले तीन वर्षों में राज्य के सभी 264 प्रखण्डों में कौशल केन्द्र स्थापित किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त, राज्य के सर्वांगीण विकास में सभी गरीब एवं वंचित वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु मुख्यमंत्री सारथी योजना के अंतर्गत प्रखंड स्तरीय Institute for Rural Skill Acquisition (BIRSA) स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है. आर्थिक रूप से कमजोर वैसे युवा, जो कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों में गैर आवासीय व्यवस्था के तहत कौशल प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें घर से प्रशिक्षण केन्द्र तक आने-जाने हेतु प्रति माह रु.1,000/- की राशि DBT के माध्यम से देने का प्रावधान किया गया है. यह भी निर्णय लिया गया है कि जो युवा प्रशिक्षणोपरांत सफल प्रमाणीकरण (Certification) के तीन माह के अंदर नियोजित नहीं हो पाते हैं, उनका मनोबल बनाये रखने हेतु अधिकतम एक वर्ष तक उन्हें प्रतिमाह रूपये 1,000/एवं युवतियों / दिव्यांगों / परलैंगिकों को प्रतिमाह रूपये 1,500/-रोजगार प्रोत्साहन भत्ता का भुगतान किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने बताया दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत 15 से 35 वर्ष की आयु वर्ग के लगभग 63,000 ग्रामीण गरीब युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है एवं लगभग 48,000 युवाओं को नौकरी उपलब्ध कराई गई है. झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी के द्वारा बेंगलुरु एवं रेवाड़ी में प्रवासी सहायता केंद्रों की स्थापना की गयी है.