रांची: झारखंड में रामनवमी बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती रही है. हजारीबाग के बाद राजधानी रांची में भव्य शोभायात्रा 1929 में अपर बाजार स्थित महावीर मंदिर से सबसे पहले निकाली गई .उस समय जो महावीरी झंडा का इस्तेमाल किया गया था, वह खादी के कत्थई रंग के कपड़े से तैयार करवाया गया था. स्थानीय लोगों के अनुसार पहली बार के रामनवमी शोभा यात्रा में दो महावीरी झंडा का इस्तेमाल किया गया था. अपर बाजार महावीर मंदिर के एक झंडे की सिर्फ तपोवन मंदिर में पूजा होती है ये परंपरा आज भी कामयम है. हालांकि समय के साथ भक्तों की आस्था बढ़ती गई और आज हजारीबाग के बाद रांची में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ होती है.
रामनवमी विशेष: रांची का वह स्थान जहां से शुरू हुई रामनवमी जुलूस, देश विदेश के श्रद्धालुओं की जुड़ी है आस्था
रांची में आज बड़े ही धूम धाम से रामनवमी शोभा यात्रा निकाली जाती है. झारखंड के हजारीबाग के बाद रांची में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. इस खबर में जानिए कब और कहां से शुरू हुई रांची में शोभा यात्रा.
अपर बाजार महावीर मंदिर जहां से हुई रांची में शोभा यात्राकी शुरुआत:रांची का अपर बाजार महावीर मंदिर के प्रति लोगों की अटूट आस्था है. महावीर चौक पर बने इस बजरंगबली के प्राचीन मंदिर का निर्माण 1870 में हुआ था. यह कहा जाता है कि इस चौक का नाम भी मंदिर के नाम पर महावीर चौक रखा गया. छोटे से इस प्राचीन मंदिर में बजरंगबली की मूर्ति उस समय बनारस से बैलगाड़ी से 18 दिनों में मंगवाई गई थी. स्थानीय लोगों के अनुसार इस बजरंगबली मंदिर के प्रति ना केवल झारखंड बल्कि देश विदेश में रहने वाले श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है. कहा जाता है कि यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मंदिर में कामना करते हैं उसे बजरंगबली पूरा कर देते हैं.
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह वही स्थल है जहां 1929 में रामनवमी शोभा यात्रा की शुरुआत कुछ लोगों के द्वारा जो शुरू की गई वह आज भी जारी है. अपर बाजार से गाजे बाजे के साथ रामनवमी के दिन निकलनेवाला जुलूस निवारणपुर तपोवन मंदिर में झंडा चढ़ाने के बाद समाप्त होता है. रामनवमी जुलूस प्रारंभ होने के बाद 1936 में महावीर मंडल का गठन हुआ जो रामनवमी जुलूस का नेतृत्व विभिन्न इलाकों से अखाड़ों के माध्यम से करता रहा है. समय के साथ इस शोभायात्रा में भी बदलाव आए हैं. इस बार भी रामनवमी को लेकर अपर बाजार स्थित महावीर मंदिर में तैयारियां जोरों पर है, मंदिर को पूरी तरह से सजाया गया है इस अवसर पर निकलने वाली झांकियों को पुरस्कृत करने की तैयारी की गई है.