रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके करीबियों को खनन लीज दिए जाने के खिलाफ आरटीआई एक्टिविस्ट सुनील महतो की जनहित याचिका पर झारखंड कोर्ट में सुनवाई हुई. पूरे मामले में राज्य सरकार की ओर से एफिडेविट दाखिल किया गया. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र और न्यायाधीश आनंद सेन की खंडपीठ में हुई.
सीएम हेमंत सोरेन से जुड़ा खनन लीज मामला: कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट में पेश किया जवाब, सुनवाई की अगली तारीख मुकर्र - झारखंड न्यूज
सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सरकार की ओर से हाईकोर्ट में जवाब पेश किया. मामले की अगली सुनवाई 16 जून को होगी.
सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल हाईब्रिड मोड में सुनवाई में शामिल हुए. जबकि महाधिवक्ता राजीव रंजन कोर्ट में मौजूद थे. राज्य सरकार की ओर से पेश 113 पन्नों के जवाब में बताया गया कि इसी तरह का एक मामला शिवशंकर शर्मा नामक शख्स ने हाईकोर्ट में दायर किया था. इसपर हाईकोर्ट में सुनवाई भी चल रही थी. लेकिन इसके मेंटेनेबिलिटी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा था. जिसपर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया था. इसलिए यह याचिका भी सुनवाई योग्य नहीं है.
राज्य सरकार की ओर पेश किए गये जवाब पर सवाल उठाते हुए प्रार्थी ने प्रति उत्तर दायर करने के लिए समय की मांग की. इसपर हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 16 जून निर्धारित कर दी है. प्रार्थी की ओर से राज्य के पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा. यह जानकारी प्रार्थी सुनील कुमार महतो ने दी.
पिछली सुनवाई में प्रार्थी की ओर से कहा गया था कि बचाव पक्ष जिस मामले का हवाला दे रहा है उसमें प्रार्थी शिवशंकर शर्मा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया गया था. लेकिन इस जनहित याचिका के प्रार्थी की विश्वसनीयता पर कोई सवाल नहीं है. प्रार्थी की ओर से बताया गया कि खान मंत्री रहते हुए संवैधानिक पद का दुरूपयोग कर सीएम हेमंत सोरेन ने न सिर्फ अपने नाम से खनन पट्टा लिया बल्कि अपनी पत्नी और रिश्तेदार के नाम से भी सरकारी जमीन को लीज पर आवंटित करवाया था.