रांची: राजधानी की आबादी लगभग 16 लाख से ज्यादा है. जिनकी प्यास तीन जलाशय बुझाती है. जो हैं रुक्का डैम, कांके डैम और हटिया डैम. इन तीनों जलाशयों से शहर में रोजाना 40 से 45 एमजीडी पानी की आपूर्ति की जाती है. लेकिन गर्मी आते ही जलाशय में जल संचयन की क्षमता घट जाती है. वहीं, सबसे दयनीय स्थिति कांके डैम की हो जाती है.
रांची का सबसे पुराना जलाशय कांके डैम है. जिसका निर्माण साल 1954-55 में किया गया था. लेकिन आज तक निर्माण के बाद डैम की साफ-सफाई का कोई भी कार्य नहीं किया गया है. हर तरफ गंदगी का अंबार है, 3 बड़े नाले जिसका पानी शहर के प्रमुख इलाकों से इस डैम की और छोड़ दिया जाता है. जिस वजह से डैम का पूरा पानी दूषित हो गया है.
गंदगी की वजह से कई जगहों पर पानी का रंग हरा और काला हो गया है. जिस वजह से पानी से दुर्गंध आना शुरू हो गया है. इस डैम में पर्याप्त मात्रा में पानी तो है लेकिन पीने योग्य पानी नहीं. वहीं, पानी इतना ज्यादा दूषित हो गया है कि फिल्टर के बावजूद पीने योग्य नहीं रहता है. इस डैम में अभी भी लगभग 2117 फिट पानी है. जिसमें 210 7 फीट तक पानी आपूर्ति करने लायक रहता है. ऐसे में अभी कांके डैम 2 महीने तक पानी सप्लाई करने की क्षमता है.
सबसे आश्चर्य की बात है कि इतना पर्याप्त पानी होने के बावजूद लोग इस पानी को पीने और घरेलू इस्तेमाल के लिए उपयोग नहीं कर पाते हैं. वहीं, स्थानीय निवासी बलराम का कहना है कि नाले से होकर चारों तरफ से दूषित पानी इस डैम में आ जाता है. जिस कारण से डैम का पूरा पानी दूषित हो गया है. इस जलाशय की सप्लाई शहर के तमाम जगहों में की जाती है. लेकिन आज तक इस डैम की साफ-सफाई पर किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया है.