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JVM केंद्रीय कार्यसमिति को किया गया भंग, पार्टी अध्यक्ष को पुनर्गठन के लिए किया गया अधिकृत - 14 जनवरी के बाद होगा पुनर्गठन

झारखंड विकास मोर्चा की कार्यसमिति भंग कर दिया गया है. 14 जनवरी के बाद केंद्रीय कार्यसमिति का पुनर्गठन होगा. इसके लिए पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को अधिकृत किया गया है.

Jvm, जेवीएम
बैठक करते जेवीएम नेता

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Published : Jan 5, 2020, 5:26 PM IST

रांची:झारखंड विकास मोर्चा की कार्यसमिति भंग कर पुनर्गठन के लिए पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को अधिकृत किया गया है. रविवार को केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में पार्टी सुप्रीमो ने कार्यसमिति को भंग करने का प्रस्ताव रखा था, जिस पर सभी ने सहमति दी है.

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14 जनवरी के बाद केंद्रीय कार्यसमिति का पुनर्गठन
जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में समिति को भंग करने का प्रस्ताव सभी के सामने रखा. जिस पर सभी ने सहमति दी, इसके साथ ही समिति के पुनर्गठन के लिए पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी को अधिकृत किया गया है. ऐसे में उम्मीद है कि 14 जनवरी के बाद केंद्रीय कार्यसमिति का पुनर्गठन किया जाएगा. कार्यसमिति की बैठक के दौरान बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर कहा कि पार्टी की पूरी तैयारी नहीं होने की वजह से ज्यादा सीटों पर जीतने की जो उम्मीद थी वह पूरी नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की है और पार्टी पूरी ताकत के साथ आगे भी काम करते रहेगी.

जनादेश का किया स्वागत
वहीं पार्टी के केंद्रीय महासचिव अभय सिंह ने कहा कि कार्यसमिति का पुनर्गठन किए जाने का निर्णय बैठक में लिया गया है. इसके लिए पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी को अधिकृत किया गया है. उन्होंने विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं के किए गए कार्यों की सराहना करते हुए जनादेश का स्वागत किया है. इसके साथ ही कहा कि पुनर्गठन के बाद पार्टी मजबूती के साथ आगे भी काम करती रहेगी. वहीं पार्टी के बीजेपी में विलय होने के सवाल पर कहा कि जब जब चुनाव का समय आता है. उस समय यह चर्चाएं आम होती है, इसमें कोई सत्यता नहीं है.

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पुनर्गठन पर बनी सहमति
बता दें कि जेवीएम के केंद्रीय कार्यसमिति का 3 साल का कार्यकाल विधानसभा चुनाव से पहले पूरा हो चुका था. उस दौरान सर्वसम्मति से बाबूलाल मरांडी को अध्यक्ष चुना गया था. वहीं चुनाव को देखते हुए कोषाध्यक्ष भी नियुक्त किए गए थे. लेकिन अन्य पदों को चुनाव की वजह से नियमित किया गया था. वहीं अब चुनाव के बाद समिति को भंग कर पुनर्गठन पर सहमति बनी है.

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