रांचीः मनी लॉउन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और उनके CA सुमन कुमार का न्यायिक हिरासत पूरा होने के बाद बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेशी हुई. ईडी के विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत ने उनको पेश किया गया. जहां दोनों की न्यायिक हिरासत की अवधि 5 जुलाई (Judicial custody extended till July 5) तक के लिए बढ़ा दी गयी है.
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क्या हुआ था पिछली सुनवाई मेंः मनी लाउंड्रिंग मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और सीए सुमन को 8 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया. पूजा सिंघल की न्यायिक हिरासत की 14 दिन की अवधि पूरी होने के बाद न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत में उनको पेश किया गया. कोर्ट में पूजा सिंघल ने ईडी से पूछताछ के दौरान किए गए मेडिकल जांच के प्रिस्क्रिप्शन को उपलब्ध कराने की मांग की. पूजा सिंघल ने बताया कि उनको जेल में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो रही है. गुरुवार 22 जून की पेशी में पूजा सिंघल और उनके सीए की न्यायिक हिरासत की अवधि को बढ़ा दिया गया है.
25 मई को भेजी गई थी जेल: निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद उन्हें 25 मई को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया था. इससे पहले ईडी की टीम ने 14 दिनों तक पूजा सिंघल से पूछताछ की थी. वहीं सीए सुमन कुमार से 13 दिन की पूछताछ की गई थी. ईडी के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि ईडी के द्वारा पूछताछ के बाद निलंबित आईपीएस अधिकारी पूजा सिंघल को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. जिसकी अवधि आज समाप्त हुई थी. उन्होंने बताया कि ईडी की ओर से रिमांड को लेकर कोई भी आवेदन अदालत में नहीं दिया गया है.
क्या है मामलाः निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के बूटी मोड़ स्थित सोनाली अपार्टमेंट से 17.49 करोड़ कैश बरामद हुआ था. इसके अलावा डांगरा टोली स्थित ईस्टर्न मॉल में मौजूद सुमन कुमार के ऑफिस से 29.70 लाख रुपया मिला है. प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत जांच के दौरान जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा ने बताया था कि खूंटी जिला प्रशासन मनरेगा में 5% कमीशन लेता था. साल 2007 से 2013 के बीच पूजा सिंघल डीसी के रूप में चतरा, खूंटी और पलामू में पदस्थापित थीं. इस दौरान उन पर कई वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप लगे थे. इसी दौरान पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक के खाते में 1.43 करोड़ नगद भी जमा हुए थे.
पूजा सिंघल ने साल 2005 से 2013 के बीच एलआईसी की 13 पॉलिसी खरीदी थी और बतौर प्रीमियम 80.81 लाख रुपए जमा किए थे. लेकिन पॉलिसी मेच्योर होने से पहले ही पूरे पैसे निकाल लिए थे, उस समय उन्हें 84 लाख मिले थे. पूजा सिंघल ने साल 2015 से 2017 के बीच चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार और उनकी अलग-अलग कंपनियों में अलग-अलग समय में 16.57 लाख रुपये भी ट्रांसफर किए थे.