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रांचीः कोरोना पीड़ित परिवार से मिलने स्वयं पहुंचे न्यायाधीश, अनाथ बच्चियों को दिया अंतरिम मुआवजा

कोरोना त्रासदी ने कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया छीन लिया. राज्य में बड़ी सख्या में बच्चे अनाथ हुए हैं. ऐसे बच्चों की मदद के लिए प्रोजेक्ट शिशु शुरू किया गया है. इसी क्रम में हाई कोर्ट के न्यायाधीश अवधेश कुमार सिंह तमाड़ प्रखंड के सलगाडीह लोहराटोली पहुंचे जहां उन्होंने तीन अनाथ बच्चियों से मुलाकात की.

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Published : Jun 7, 2021, 3:28 PM IST

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रांचीः कोरोना संक्रमण की वजह से बच्चों के माता-पिता का निधन होने की घटना का संज्ञान लेकर झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अवधेश कुमार सिंह पीड़ित परिवार से मुलाकात के लिए पहुंचे और मुआवजे की राशि भी प्रदान की है. घटना तमाड़ प्रखंड के सलगाडीह लोहराटोली की है. बीते दिनों कोरोना काल में तीन बच्चियों के माता-पिता का देहांत हो गया है. घर में सिर्फ एक बूढ़े दादा बचे हैं.

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कोरोना से राजेश लोहार (37) की मृत्यु हो गयी. साथ ही साथ उनकी पत्नी शारदा देवी की भी मृत्यु हो गयी. दोनों अपने पीछे अपनी तीन बेटियों को बेसहारा छोड़ गये है. पूजा कुमारी (15), निशा (12), खुशबू कुमारी (10) तीनों बच्चियां अनाथ हो गयीं.

न्यायाधीश ने अनाथ बच्चों को दी मदद

ऐसे में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यपालक अध्यक्ष अपरेश कुमार सिंह द्वारा शुरू किये गये प्रोजेक्ट शिशु योजना के तहत आज न्यायाधीश ने स्वयं तीनो बच्चियों के घर जाकर उनसे मुलाकात की तथा उन्हें इस प्रोजेक्ट के तहत दी जाने वाली लाभों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ली.

न्यायाधीश ने तत्काल अंतरिम सहायता के रूप में परिवार को 10 हजार रूपये का चेक दिया तथा बच्चियों के दादा को पोषण के लाभ से संबंधित दस्तावेज भी प्रदान किए. न्यायाधीश के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ संबंधित परिवार को दिया गया.

परिवार को आवश्यक सामग्री दी गयी

साथ ही साथ दो बच्चियों का नामांकन प्रखंड के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में कराने की अनुशंसा की गयी है. इसके साथ ही साथ तीनों बच्चियों को स्पॉन्सरशिप स्कीम के तहत जोड़ने का काम प्रारंभ कर दिया गया है.

झालसा द्वारा उस परिवार को आवश्यक सामग्री भी प्रदान की गयी. साथ ही साथ उनके परिवार के सभी व्यक्तियों का मेडिकल चेक-अप कराया गया एवं किताबें एवं पढ़ाई से संबंधित सामग्रियों का भी वितरण किया गया.

मौके पर ही न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह द्वारा झालसा, डालसा, रांची एवं जिला प्रशासन को यह निर्देश दिया कि बच्चियों के व्यस्क होने तक उनके सर्वांगीण विकास हेतु उठाये जा रहे सम्पूर्ण कदमों की अद्यतन जानकारी दी जानी चाहिए, जिसके माध्यम से बच्चियों का ध्यान रखा जाएगा.

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि योजनाओं का लाभ के संबंध में प्रति माह नजर रखी जाएगी, जिससे कि बच्चियों के पढ़ाई-लिखाई एवं सुविधाएं मिले. झारखंड में कोविड-19 काल में अनाथ हो रहे बच्चों की संख्या को ध्यान में रखते हुए झारखंड उच्च न्यायालय न्यायाधीश सह कार्यपालक अध्यक्ष झालसा की पहल पर प्रोजेक्ट शिशु लांच किया गया है, जिसके तहत अनाथ हुए बच्चों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है और उनके पुनर्वास के संबंध में कदम उठाये जा रहे हैं.

गुमला में अनाथ बच्चों से मुलाकात

न्यायाधीश द्वारा विगत दिनों में गुमला के एक गांव में जाकर अनाथ बच्चों से मुलाकात की है, और उन्हें भी योजनाओं का लाभ दिया गया है.न्यायाधीश के स्वयं गांवों में जाकर परिवारों से मुलाकात करने से न सिर्फ प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाकर परिवार को लाभ पहुंच रहा है, बल्कि न्यायाधीश का इन कार्यक्रमों के माध्यम से मानवीय चेहरा सामने आया है.

इस कार्यक्रम के दौरान झालसा के सदस्य सचिव मो. शाकिर, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के सचिव संतोष कुमार, डालसा सचिव अभिषेक कुमार, तमाड़ के बीडीओ, थाना प्रभारी एवं अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे.

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