रांचीः झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की ओर से झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) की संशोधित नियमावली में बदलाव किया गया है. नये बदलाव के तहत अब सामान्य जाति के अभ्यर्थियों को परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए प्रत्येक खंड में कम से कम 40 प्रतिशत और कुल प्राप्तांक का कम से कम 60 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा. इसी तरह अन्य श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए भी अंक निर्धारित किया गया है. जेटेट के प्रमाण पत्र की वैधता अब सात साल की जगह आजीवन रहेगी. यह व्यवस्था जेटेट 2013 और 2015 के प्रमाण पत्र पर भी लागू की गयी है.
JTET 2022: अब आजीवन मान्य रहेगा जेटेट का प्रमाण पत्र, यहां पढ़िए कितने अंक लाने पर अभ्यर्थी होंगे पास
जेटेट की संशोधित नियमावली के तहत सामान्य जाति के अभ्यर्थियों को परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए प्रत्येक खंड में कम से कम 40 प्रतिशत और कुल प्राप्तांक का कम से कम 60 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा. इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है.
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अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और आदिम जनजाति के अभ्यर्थियों को प्रत्येक खंड में कम से कम 30 प्रतिशत और कुल प्राप्तांक में कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य किया गया है. इसी तरह बीसी-वन, बीसी-टू और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रत्येक खंड में कम से कम 35 प्रतिशत और कुल प्राप्तांक में कम से कम 55 प्रतिशत अंक लाना होगा. दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए प्रत्येक खंड में कम से कम 30 प्रतिशत और कुल प्राप्तांक में कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य किया गया है.
जेटेट के प्रमाण पत्र की वैधता अब सात साल की जगह आजीवन रहेगी. यह व्यवस्था जेटेट 2013 और 2015 के प्रमाण पत्र पर भी लागू की गयी है. इसके अलावा यह परीक्षा चिह्नित जिलावार क्षेत्रीय/जनजातीय भाषा के अनुरूप होगी. शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी को आवेदित जिला के लिए अनुमान्य क्षेत्रीय/जनजातीय भाषाओं में से किसी एक भाषा में परीक्षा देना अनिवार्य होगा. साथ ही अनुमान्य क्षेत्रीय/जनजातीय भाषा की परीक्षा में परीक्षार्थियों को संबंधित भाषा और इसके व्याकरण की जानकारी को अनिवार्य किया गया है.