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झारखंड में सत्तारूढ़ JMM की नजर बिहार पर, विधानसभा चुनाव में भी उतरेगा पूरे दमखम से झामुमो

झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो की नजर अब बिहार विधानसभा चुनाव पर है. इसके तहत झामुमो भी बिहार में संभावित विधानसभा चुनावों में उतरने की तैयारी कर रहा है.

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बिहार विधानसभा चुनाव पर झामुमो की नजर

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Published : Aug 29, 2020, 6:29 AM IST

Updated : Aug 29, 2020, 8:12 AM IST

रांची: प्रदेश में महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा की नजर अब बिहार विधानसभा चुनाव पर है. झामुमो बिहार में संभावित विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी में लगा हुआ है. पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बाबत पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहले दौर की बात राजद के नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से हो चुकी है.

देखें स्पेशल स्टोरी.


12 विधानसभा सीटों की एक लिस्ट
सूत्रों की मानें तो झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बिहार की 12 विधानसभा सीटों की एक लिस्ट बना रखी है, जिसमें पार्टी अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है. हालांकि अंतिम निर्णय राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की सहमति के बाद लिया जाएगा. दरअसल, झारखंड में राजद के इकलौते विधायक सत्यानंद भोक्ता को राज्य सरकार में मंत्री पद दिया गया है. ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और राजद से अपनी 'अच्छी हिस्सेदारी' को लेकर बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर बात करने के मूड में है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
बिहार की इन सीटों पर झामुमो की नजरदरअसल बिहार की लगभग एक दर्जन सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा की नजर है. उनमें से ज्यादातर सीटें वैसे इलाकों में है, जिनकी सीमाएं झारखंड से सटी हुई है. उनमें बांका, तारापुर, कटोरिया, झाझा, चकाई, बेलहर, ठाकुरगंज, पूर्णिया, धमदाहा, कोढ़ा, जमालपुर और रूपौली विधानसभा सीट शामिल है. बिहार में 2000 में हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा को 17 सीटें हासिल हुई थी.
जनसभा को संबोधित करते पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन.
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पहले भी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ चुका है झामुमो
15 नवंबर, 2000 को झारखंड गठन होने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई है. आंकड़ों को पलट कर देखें तो 2015 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में 32 सीटों पर झामुमो ने अपना उम्मीदवार उतारा था, हालांकि एक भी सीट पर पार्टी जीत नहीं पाई थी. वहीं दूसरी तरफ 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ा उनमें से एक सीट पर जेएमएम का कब्जा भी हुआ. चकाई विधानसभा सीट पर बिहार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के बेटे सुमित सिंह ने जेएमएम के टिकट पर जीत हासिल की.

झारखंड मुक्ति मोर्चा की बैठक.

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चुनाव चिन्ह को लेकर होता है विवाद
2015 में हुए विधानसभा चुनाव में जेएमएम का पार्टी सिंबल तीर-धनुष चुनाव आयोग ने निरस्त कर दिया था. बिहार में सत्ताधारी जदयू का चुनाव चिन्ह तीर है और पार्टी ने इस बाबत चुनाव आयोग से संपर्क किया, जिसके बाद जेएमएम का चुनाव चिन्ह तीर धनुष बिहार विधानसभा चुनाव में मान्य नहीं रहा. इधर झामुमो का दावा है कि चुनाव चिन्ह बदल जाने के बाद भी पार्टी वहां अपना उम्मीदवार उतारेगी.


क्या कहते हैं महागठबंधन के नेता
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता विनोद पांडे का दावा है कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी पार्टी पूरी तरह से तैयार है. बिहार प्रदेश की कमेटी ने सांगठनिक स्तर की तैयारी कर ली है. साथ ही महागठबंधन के सहयोगी दलों से भी बातचीत हुई है. सीट शेयरिंग को लेकर हेमंत सोरेन को अधिकृत किया गया है और इस पर जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार कार्यक्रम तय होंगे और उनकी घोषणा की जाएगी.

Last Updated : Aug 29, 2020, 8:12 AM IST

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