रांचीः झारखंड में राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections in Jharkhand) में दो सीटों के लिए सत्ताधारी गठबंधन दल कांग्रेस और झामुमो का राजनीतिक दांवपेंच जारी है. झारखंड कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता जहां दिल्ली में कैंप किये हुए हैं. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा अपना उम्मीदवार देने से एक इंच भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. इस मामले में कांग्रेस को जेएमएम के जवाब से राज्य में सियासी हलचल बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
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झामुमो के सचेतक और पूर्व मंत्री ने तो यहां तक कह दिया है कि राज्यसभा की एक सीट पर जीत की जरूरी संख्या से ज्यादा विधायक उनके पास हैं, ऐसे में उम्मीदवार भी झामुमो का ही होगा. मथुरा महतो ने कहा कि शनिवार (28 मई) को जेएमएम विधायक दल और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं-सांसदों की होनेवाली बैठक में सबकुछ साफ हो जाने की उम्मीद है. झामुमो सचेतक ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है, बड़ी पार्टी है, उनके राज्यसभा में कई राज्यों से जीत कर सदस्य आते हैं. ऐसे में झामुमो की उम्मीद है कि बड़ा दिल कांग्रेस दिखाएगी और झामुमो के राज्यसभा उम्मीदवार को वह भी स्वीकार करेगी.
जानकारी देते मथुरा महतो और कांग्रेस प्रवक्ता जेएमएम विधायक मथुरा महतो ने कहा कि राज्यसभा की दूसरी सीट पर अगर कांग्रेस उम्मीदवार रहेंगे तो झामुमो अपने उम्मीदवार की जीत के लिए जरूरी वोट के बाद बचे हुए वोट कांग्रेस को देने के लिए तैयार है. दिल्ली में कांग्रेस की ओर से अल्पसंख्यक कार्ड खेले जाने की मिल रही खबर को लेकर मथुरा महतो ने इशारों इशारों में कहा कि अल्पसंख्यक मतलब मुस्लिम ही नहीं बल्कि ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध जैसे धर्मावलंबी भी अल्पसंख्यक होते हैं.
पार्टी की ओर से कौन राज्यसभा का उम्मीदवार हो सकता है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा जो भी व्यक्ति होगा वह जेएमएम का उम्मीदवार ही होगा. मथुरा महतो ने साफ शब्दों में कहा कि उम्मीदवार को लेकर शनिवार की बैठक में चर्चा होगी. लेकिन पार्टी के पुराने नेता सुप्रियो भट्टाचार्या का नाम भी चर्चा में है तो अन्य नामों के साथ इस नाम पर भी चर्चा होगी. अंतिम फैसला दिशोम गुरु शिबू सोरेन को लेना है.
राज्यसभा की सीट के लिए जारी राजनीति के बीच मथुरा महतो ने उस दर्द को भी साझा किया जब सबसे ज्यादा विधायक होने के बावजूद 2014 में पांच विधायक वाली पार्टी राजद के राज्यसभा उम्मीदवार को जीताकर दिल्ली भेजा गया था. झामुमो नेता ने कहा कि उस वक्त की परिस्थितियां वैसी थी आज झामुमो के पास अपने दम पर एक उम्मीदवार को जीत दिलाकर दिल्ली भेजने की ताकत जनता ने दी है.
कांग्रेस अपने उम्मीदवार को राज्यसभा भेजना चाहती हैः वर्ष 2020 में शिबू सोरेन महागठबंधन के पहले उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज कर दिल्ली गए थे. अब राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस की बारी का हवाला देकर झामुमो से बड़ा दिल दिखाने की उम्मीद कर रहा है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि उम्मीद है कि बड़ा दिल दिखाते हुए झामुमो इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन देकर राज्यसभा भेजेगी.