रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने सुनवाई के बाद राजभवन को अपना मंतव्य भेजा है. जिसे लेकर सूबे गहमागहमी बनी हुई है. अभी तक राजभवन की तरफ से इसे लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है. इसे लेकर अब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सूचना का अधिकार कानून का सहारा लिया है.
RTI कानून की शरण में जेएमएम, सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में राजभवन से मांगी जानकारी
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में (JMM seeks reply from Raj Bhavan through RTI) भारत निर्वाचन आयोग का मंतव्य जानने के लिए राजभवन सचिवालय से RTI के तहत जानकारी मांगी है.
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विनोद पांडेय ने RTI किया दाखिल : पार्टी के केंद्रीय समिति सदस्य और केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय (Central General Secretary Vinod Pandey) के हस्ताक्षर से राजभवन सचिवालय के सूचना पदाधिकारी को 10 रुपये के इंडिया पोस्टल ऑर्डर के साथ यह सूचना मांगी गई है कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सबंधित S-9A of R.P Act- 1951 (आर्टिकल 192) के मामले में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्यपाल को भेजे गए पत्र में ओपिनियन क्या है.
एक कार्यक्रम के दौरान जब मीडिया कर्मियों ने राज्यपाल रमेश बैस से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग से आये पत्र को लेकर जब सवाल पूछा था तो राज्यपाल ने कहा था कि लिफाफा इतना चिपका हुआ है कि खुल ही नहीं रहा है.