रांची:संथाल के सुंदरपहाड़ी में मलेरिया से कुछ बच्चों की मौत और कई आदिम जनजातियों के बीमार होने के मामले में आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है. झामुमो ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को झारखंड की राजनीति का चुनौटी करार दिया है. झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को लाश पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. उनको समझना चाहिए कि ऐसी जगहों पर सीएम या पीएम नहीं जाते हैं. सरकार के स्तर पर संक्रमित लोगों को तमाम मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. लेकिन बाबूलाल मरांडी कह रहे हैं कि सीएम क्यों नहीं आए. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि दिशोम गुरु के लिए पीएम मोदी और अमित शाह जैसे नेता सम्मान सूचक शब्द का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन बाबूलाल मरांडी उनको अब शिबू कहने लगे हैं.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि संथाल और कोल्हान मलेरिया प्रॉन एरिया है. यह राज्य के लिए आपदा की तरह है. इससे निपटने के लिए सरकार के स्तर पर सभी जरूरी उपाए किए जा रहे हैं. संथाल के सुंदरपहाड़ी इलाके में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पहुंचना बहुत कठिन है. वहां की भौगोलिक स्थिति में बदलाव करने पर उत्तराखंड वाली स्थिति बन सकती है. सुंदरपहाड़ी में माल पहाड़िया जनजाति निवास करती है. उनको विस्थापित नहीं किया जा सकता. सबसे पहले विगत सोमवार को झामुमो सांसद विजय हांदसा पहुंचे और मेडिकल कैंप लगा. लेकिन कुछ बच्चों की मौत हो गई. लेकिन दुख की बात है कि मौत पर राजनीति शुरू हो गई. पहले गोड्डा के सांसद पहुंच गये और मेडिकल कैंप में खड़े होकर कहने लगे कि यहां इलाज की सुविधा नहीं है.
फिर बाबूलाल मरांडी भी वहां पहुंच गये. उन्होंने ऐसा ड्रामा किया कि वे मोटरसाइकिल से गये हैं. जबकि वहां मरीजों को सारी सुविधाएं दी जा रही है. फिर भी आरोप लगा रहे हैं कि सीएम क्यों नहीं पहुंचे. बाबूलाल मरांडी को समझना चाहिए ऐसी जगह पर सीएम या प्रधानमंत्री जाते हैं तो वहां की व्यवस्था गड़बड़ा जाती है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ओडिशा में ट्रेन हादसा के वक्त पीएम के जाने की वजह से कई घंटों तक रेस्क्यू रुक गया. बाबूलाल जी को बताना चाहिए कि वे मणिपुर क्यों नहीं गये. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हाल में प्रधानमंत्री तेजस से यात्रा कर रहे थे. उसी वक्त कश्मीर में शहीद कैप्टन का पार्थिव शरीर आया था. क्या पीएम ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की.
पलामू में बाबा बागेश्वर के आने पर पाबंदी के सवाल पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि धर्म और राजनीति को अलग रखना चाहिए. उन्होने कहा कि हम पाखंडी हिन्दू नहीं हैं. मुझे तिलक लगाकर साबित करने की जरूरत नहीं है.