रांची: नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ देशभर में घमासान जारी है. एनआरसी और सीएबी को लेकर सत्ताधारी पार्टी जहां फायदा गिना रही है. वहीं, विरोधी इसके खिलाफ खड़े हैं. लोकसभा के बाद राज्यसभा में बिल पेश किए जाने के बाद जेएमएम ने भी इस बिल को देश विरोधी बताया है.
एनआरसी और नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ पूर्वोत्तर में विरोध प्रदर्शन लगातार जारी हैं. लोकसभा के बाद राज्यसभा में गुरुवार को बिल पेश किया गया. ऐसे में राजनीतिक प्रदर्शन भी बढ़ रहा है. इस बिल को लेकर कुछ लोग इसके फायदे गिना रहे हैं तो कुछ इसके विरोध में खड़े हैं. नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में तो बिना किसी परेशानी से पास करा लिया, लेकिन इसका विरोध अभी भी जारी है. इसी कड़ी में जेएमएम ने भी इस बिल को देश विरोधी बताया है. साथ ही अल्पसंख्यकों के लिए इस बिल को काला कानून करार दिया है.
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नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है, जबकि इस बिल से मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया है. इस बिल को लोकसभा में केंद्र सरकार ने आसानी से पास करा लिया. लेकिन, एनआरसी और सीएबी के खिलाफ देश के कई हिस्सों से विरोध के स्वर उठ रहे हैं. कई लोग इस बिल को बेहतर भी बता रहे हैं. इसी कड़ी में झारखंड की मुख्य क्षेत्रीय पार्टी जेएमएम ने बुधवार को इस बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है. जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार कभी भी अल्पसंख्यकों के हित में आवाज नहीं उठाती है. इस बिल को लाकर बीजेपी अल्पसंख्यकों के लिए काला कानून बना रही है. इस बिल का जेएमएम हमेशा विरोध करेगा.