जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम रांचीः झारखंड बजट सत्र में सदन के अंदर और बाहर नियोजन नीति को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. इस मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरने में लगे झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम ने सीएम पर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमें समझ में नहीं आता कि मुख्यमंत्री को बाहरियों से इतना प्रेम क्यों है.
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जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम ने इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ अपने तेवर कड़े कर लिए हैं. विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये 60-40 का नियोजन नीति नहीं चलेगा. आज इसकी वजह से यहां के युवक-युवतियां परेशान हैं और खलबली है कि आखिर क्या हो रहा है. ये 60-40 नियोजन नीति क्या है इसे सरकार को स्पष्ट करना चाहिए. इस सरकार द्वारा सदन की अवमानना किया जा रहा है.
60 40 नियोजन नीति मुख्यमंत्री का प्रसाद है क्या- लोबिनः बागी तेवर दिखाते हुए लोबिन हेंब्रम ने नियोजन नीति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि खतियान आधारित नियोजन नीति होना चाहिए. हम लगातार इसकी मांग कर रहे हैं कि जिसके हाथ में खतियान होगा वही स्थानीय होगा और नियोजन नीति का लाभ उसे मिलेगा. 60-40 नियोजन नीति नहीं चलेगा यह मुख्यमंत्री का प्रसाद है क्या जो लोग ग्रहण कर लेंगे. झारखंड की जनता किसी भी सूरत में इसे स्वीकार नहीं करेगी और इसको लेकर हमारा विरोध जारी रहेगा.
साहिबगंज के बोरियो विधानसभा क्षेत्र के झामुमो विधायक झारखंड बचाओ मोर्चा के सुप्रीमो लोबिन हेंब्रम अपनी सरकार के खिलाफ हमेशा बोलते रहे हैं. चाहे वो 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति हो या नियोजन नीति का मुद्दा लोबिन सड़क से लेकर सदन तक में अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं. जिससे झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदर कई बार लोबिन हेंब्रम पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बातें उठती रही, मगर अब तक ऐसा नहीं हो सका है.
ऐसे में लोबिन हेंब्रम का 60-40 नियोजन नीति को लेकर आ रहे बयान ने सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर रहे हैं. लोबिन के इस तरह के आक्रामक रुख से झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदर खाने में यह भी चर्चा हो रही है कि अगर कार्रवाई होती है तो वे भाजपा में ना चले जायें हालांकि भाजपा के संपर्क में होने की बात को लोबिन खारिज करते रहे हैं. लेकिन कई ऐसे मुद्दे हैं, जिसपर भाजपा और लोबिन हेंब्रम का आंदोलन एक ही समान रहता है, यही वजह है कि लोबिन के भाजपा से नजदीकी होने की चर्चा अक्सर होती है.