जानकारी देते झामुमो के वरीय नेता सुप्रियो भट्टाचार्या रांची:झारखंड मुक्ति मोर्चा रिमोट वोटिंग मशीन (RVM ) के उपयोग के पक्ष में नहीं है. झामुमो ने अपनी राय से सोमवार (24 अप्रैल) को भारत निर्वाचन आयोग को अवगत करा दिया है. पार्टी की ओर से वरीय नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने इसकी जानकारी दी. सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा आयोग द्वारा मिले समय के अंदर झामुमो ने अपने पक्ष से निर्वाचन आयोग को अवगत करा दिया है.
ये भी पढ़ें:सेना जमीन घोटाला: गिरफ्तार आरोपियों को आमने-सामने बिठाकर छवि रंजन से पूछताछ, देखें VIDEO
16 जनवरी को हुई थी कार्यशाला: रिमोट वोटिंग मशीन को अमली जामा पहनाने के लिए 16 जनवरी को दिल्ली में चुनाव आयोग ने कार्यशाला रखा था. कार्यशाला में राजनीतिक दलों के समक्ष आरवीएम के उपयोग और इसके प्रदर्शन का डेमो भी किया गया था. इसके बाद सभी दलों से RVM को लेकर अपने-अपने पक्ष से अवगत कराने को कहा था. इसी के अनुसार तय समय में झामुमो को अपना पक्ष चुनाव आयोग के समक्ष रखना था.
कई और दल समर्थन में:सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि उनके साथ राजद, जदयू, कांग्रेस, आप, एनसीपी सहित ज्यादातर राजनीतिक दलों ने रिमोट वोटिंग मशीन के विरोध में है. वहीं आजसू ने कहा कि उन्होंने अपनी बात से आयोग को अवगत करा दिया है. आजसू क्या चाहती है, इसका स्पष्ट खुलासा नहीं किया है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव देवशरण भगत ने ईटीवी भारत से फोन पर बात की. कहा कि जिनकों वोट देने का अधिकार है, उन्हें वोट देने का मौका मिले. साथ ही यह भी सुनिश्चित हो कि ऐसे मतदान निष्पक्ष और पूरी तरह सुरक्षित हो.
विरोध का समझिए कारण: झारखंड मुक्ति मोर्चा ने रिमोट वोटिंग मशीन के उपयोग की सोच को ही बकवास करार दिया. सुप्रियो ने कहा कि भ्रम में डाल कर भाजपा को फायदा पहुंचाने की ठीक वैसी ही योजना थी जैसा उत्तर प्रदेश में बुजुर्गों के वोट को लेकर हेराफेरी हुई. इसलिए झामुमो ने इसका विरोध किया. झामुमो नेता की मानें तो भाजपा ने भी कार्यशाला के दौरान सबके साथ राय बनाने की बात कही थी.
क्या है रिमोट वोटिंग मशीन: इलेक्शन में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने डोमेस्टिक माइग्रेंट्स के लिए रिमोट वोटिंग मशीन के उपयोग की योजना बनाई थी. अगर सीधी भाषा में समझे तो भारत निर्वाचन आयोग वैसे घरेलू प्रवासियों का वोट रिमोट वोटिंग मशीन से सुनिश्चित करने की योजना बना रहा है, जिनका वोटर लिस्ट में नाम किसी अन्य राज्य में है. इनमें ऐसे लोगों को सुविधा पहुंचाने का मकसद है, जो रोजी रोटी लिए दूसरे राज्य में अस्थाई रूप से रह रहें हैं.