रांची: जेएमएम ने फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swami) की मौत को न्यायिक हिरासत में हत्या करार दिया है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, कि स्टेन स्वामी को जिस केस के साथ जोड़ा गया, वह संपूर्ण आंदोलन एक दलित चेतना का आंदोलन था, उस आंदोलन को लोगों के जहन से हटाने के लिए उसे देश विरोधी आंदोलन बताया.
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सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, कि देश के चुनिंदा लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जो दलितों, शोषितों, अल्पसंख्यकों और मजदूरों की बात करते हैं, उन विचारक और लेखकों को चुन-चुन कर फंसाया गया, जिसमें फादर स्टेन स्वामी भी एक आरोपी बनाए गए. उन्होंने कहा, कि जब फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी हुई थी, उस समय भी वह अस्वस्थ थे, कई बीमारियों के बावजूद उन्हें जबरदस्ती गिरफ्तार कर महाराष्ट्र के जेल में डाला गया, जिस व्यक्ति ने अपना पूरा जीवन आदिवासी मूलवासी के लिए आवाज उठाने में लगाया, उनके स्वर को ही बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा कि उनकी मृत्यु बड़ी चुनौती लेकर सामने आई है, क्या इस देश में आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, मजदूरों, महिला अधिकार की बात करने पर रोक लगा दी गई है.
जेएमएम ने किया नए राज्यपाल का स्वागत
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव ने कहा, कि इसे संयोग नहीं कहेंगे इसे एक सोच कहेंगे, कि आदिवासियों के लिए आवाज उठाने वाले स्टेन स्वामी की मौत हुई है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, कि दूसरी तरफ राज्य की महिला आदिवासी गवर्नर को भी बदल दिया गया. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, कि जेएमएम नए राज्यपाल का स्वागत करता है, लेकिन जिस सोच के साथ इस राज्य में लोगों के साथ व्यवहार किया जा रहा है, आदिवासी मूलवासियों के खिलाफ, दलित, अल्पसंख्यकों के खिलाफ जिस प्रकार की सोच बीजेपी में देखने को मिली है, वह भयावह है.