झामुमो और कांग्रेस नेताओं के बयान रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव के रूप में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का से जुड़े एक वायरल वीडियो के साथ भाजपा के नेताओं ने रांची में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में झारखंड भाजपा ने राजीव अरुण एक्का के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग को केंद्र में रखकर जांच की जाए. भाजपा नेताओं के शिष्टमंडल के प्रवर्तन निदेशालय जाकर ज्ञापन सौंपने के मुद्दे पर कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता बिफर पड़े हैं.
ये भी पढ़ें:Puja Singhal Case: होली के दूसरे दिन ईडी कोर्ट में पेश हुई पूजा सिंघल, 16 मार्च को डिस्चार्ज पिटिशन पर होगी सुनवाई
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य और प्रवक्ता मनोज पांडेय ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या अब झारखंड भाजपा के नेता भी ED को डिक्टेट करेंगे. उन्होंने कहा कि पहले से राज्य और देश के लोग यह समझते हैं कि ED केंद्र सरकार और भाजपा के इशारे पर विपक्षी दलों के खिलाफ कार्रवाई करती है, लेकिन भाजपा नेताओं के शिष्टमंडल ने पहली बार ईडी दफ्तर जाकर ज्ञापन सौंपा, उससे यह साफ हो गया है कि किस तरह भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की सरकार के दवाब में प्रवर्तन निदेशालय है.
झामुमो नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वतः संज्ञान लेते हुए अपने प्रधान सचिव को पद से हटाया है. उन्होंने कहा कि 22 शेल कंपनियों को बनाकर चुना लगाने वाला कौन था और उस पर ED कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है. झामुमो नेता मनोज पांडे ने कहा कि जहां मनी लॉन्ड्रिंग होती है वहां भाजपा नेताओं को सांप सूंघ जाता है, क्योंकि वह गौतम अडानी के भाई का मामला होता है. यहां तो जैसे ही एक वीडियो संज्ञान में आया, मुख्यमंत्री ने कार्रवाई करते हुए अपने प्रधान सचिव को पद से हटा दिया और जांच में दोषी पाए गए तो कार्रवाई भी करेंगे.
वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव और वरिष्ठ नेता जगदीश प्रसाद साहू ने भी भाजपा पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि जब से झारखंड में महागठबंधन की लोकप्रिय सरकार बनीं है. तब से लगातार भाजपा सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में लगी रहती है. उन्होने कहा कि भाजपा और केंद्र की सरकार देशभर में ईडी और सीबीआई जैसी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है.
क्या है पूरा मामला:भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पिछले दिनों पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के तत्कालीन प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का से जुड़े एक वीडियो जारी किया था. जिसमें आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का, पावर ब्रोकर विशाल चौधरी के आवास पर सरकारी फाइल पर साइन करते दिख रहे हैं. भाजपा द्वारा दिखाई गई वायरल वीडियो में विशाल चौधरी के निजी कर्मचारी भी नजर आ रही हैं. भाजपा इस बात को लेकर आक्रामक है कि मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ लेते हैं, ऐसे में उनका प्रधान सचिव कैसे सरकारी फाइल का निपटारा किसी के निजी आवास या कार्यालय में और बाहरी कर्मचारी के उपस्थिति में कर सकता है.