रांची:झारखंड में लंबित नगर निगम चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने तीन सप्ताह के भीतर नगर निगम चुनाव की अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है. हालांकि, ये चुनाव दलीय आधार पर नहीं होंगे. बावजूद इसके अधिकांश राजनीतिक दलों ने शहरी सरकार में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने की रणनीति बनाई है, जबकि राजद जैसे कुछ दल इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि क्या सरकार ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराने की दिशा में आगे बढ़ेगी. अगर ऐसा हुआ तो पार्टी का रुख क्या होना चाहिए?
'हर वार्ड में होगा झामुमो का उम्मीदवार': हाई कोर्ट के आदेश के बाद झारखंड में जल्द ही नगर निकाय चुनाव होने की संभावना को देखते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी नगर निकाय चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के मुताबिक, निकाय चुनाव दलीय आधार पर नहीं होने के बावजूद सभी जिला कमेटियों को अपने-अपने स्तर पर बैठक कर आपसी सहमति बनाने का निर्देश दिया गया है. यह सुनिश्चित करने का प्रयास करने को कहा गया है कि एक वार्ड में पार्टी का एक ही समर्पित कार्यकर्ता या नेता चुनाव मैदान में हो और बाकी सभी लोग उसका समर्थन करें, ताकि शहर की सरकार में भी झामुमो और दिशोम गुरू शिबू सोरेन की नीतियों और सिद्धांतों को मानने वाले अच्छी संख्या में लोग हों.
राज्यसभा सांसद महुआ माजी के बेटे द्वारा रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर पद के लिए लगाए गए बैनर पोस्टर जिसमें झामुमो का चुनाव चिह्न भी है, के सवाल पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह उनकी अपनी प्रचार मशीनरी का मामला है. झामुमो की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है. इसका जवाब राज्यसभा सांसद महुआ माजी दें तो बेहतर होगा क्योंकि वह झामुमो की केंद्रीय पदाधिकारी भी हैं.
'कांग्रेस ने पूरी तैयारी कर ली है':पार्टी स्तर पर नगर निकाय चुनाव नहीं होने के बावजूद झारखंड कांग्रेस चुनाव को लेकर काफी उत्साहित है. झारखंड कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता सतीश पॉल मुंजनी ने कहा कि महानगरों में हमारा संगठन काफी मजबूत है और इस बार के निकाय चुनाव में कांग्रेस के नीति सिद्धांतों में विश्वास रखने वाले लोग बड़ी संख्या में पहुंचे इसके लिए योजना बनाई जा रही है.