रांची: सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बुधवार को मांग की है कि रांची और धनबाद के सांसद को सरकार की ओर से मॉनिटर किए जाने वाले क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जाना चाहिए.
कैसे मिला बिहार और यूपी में प्रवेश
झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि दोनों सांसद दिल्ली से अचानक झारखंड में आए हैं. हैरत की बात यह है कि किसी को यह नहीं पता चला कि वो कब और कैसे आए. हालांकि दोनों ने दावा किया कि वो सड़क मार्ग से आए हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि उत्तर प्रदेश की सीमा में उन्हें प्रवेश कैसे मिला और बिहार में भी वह कैसे प्रवेश पा सके.
पीएम लें एक्शन
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि दोनों सांसदों को आदर्श प्रस्तुत करते हुए पहले जिला प्रशासन को सूचित करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि यह आपदा का समय है और ऐसी स्थिति में सांसदों का यह व्यवहार उचित नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि सबसे पहले दोनों को क्वारेंटाइन सेंटर भेजा जाना चाहिए.
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सांसदों के स्वास्थ्य को लेकर जेएमएम चिंतित
भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी दोनों सांसदों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है. ऐसे में उनकी ट्रैवल हिस्ट्री और झारखंड लौटने के बाद लोगों से मुलाकात की डिटेल की भी जांच होनी चाहिए. भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री लोगों से जो जहां है वहीं रहने की बात कह रहे हैं. ऐसे में दोनों सांसद झारखंड आ गए यह अचरज का विषय है. उन्होंने कहा कि झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं, लेकिन वो अपने घर नहीं आ पा रहे हैं. इसलिए दोनों को सबसे पहले राजधानी के खेल गांव स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में भेजना चाहिए.
बता दें कि रांची के सांसद संजय सेठ और धनबाद के एमपी पीएन सिंह 2 दिन पहले रांची और धनबाद से अपने घरों को लौटे हैं. हालांकि संजय सेठ ने अपना पक्ष रखते हुए साफ कहा कि उन्होंने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से इजाजत लेकर यह यात्रा की है.