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जेएमएम का बीजेपी पर राज्यपाल को बरगलाने का आरोप, राजभवन पर भी उठाए सवाल - जेएमएम का राज्यपाल पर आरोप

जेएमएम ने बीजेपी पर राज्यपाल को बरगलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में TAC के नियम में परिवर्तन पर फैसला लिया गया था, जिसका बीजेपी ने विरोध किया है और राज्यपाल भी इस मामले की तूल दे रही हैं, जो कहीं से उचित नहीं है.

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सुप्रियो भट्टाचार्य

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Published : Jun 7, 2021, 7:41 PM IST

रांची:जेएमएम के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीजेपी पर आदिवासी विरोधी काम करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 4 जून को कैबिनेट की बैठक में TAC के नियम में परिवर्तन पर फैसला लिया गया था, बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर इस पर विरोध दर्ज करवाया है, राजभवन की ओर से भी इस मामले को तूल दिया जा रहा है.

जेएमएम का राज्यपाल पर निशाना

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सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी हवा में विरोध जता रही है, उन्हें ये नहीं पता कि ये बदलाव राजयपाल के निर्णय से होता है, छत्तीसगढ़ की रमण सिंह की सरकार ने भी इसी तरह का निर्णय लिया था, उस समय कोई विवाद नहीं हुआ. जबकि केंद्र सरकार में UPA की सरकार थी. उन्होंने कहा कि पूर्व में गैर आदिवासी सीएम ने TAC की बैठक की अध्यक्ष्ता की तो उस समय बीजेपी को कोई आपत्ति नहीं हुई, ढेड़ साल से ये मामला राजभवन में अटका हुआ था. वहीं रूपा तिर्की की मौत के मामले पर उन्होंने कहा कि जांच की सारी प्रक्रिया सामान्य और तेजी से चल रही है, ऐसे वक्त में बीजेपी के नेताओं ने राज्यपाल के माध्यम से जांच पर सवाल उठाया है, झारखंड में बंगाल जैसी स्थिति उत्पनन न हो जाए. उन्होंने कहा कि अवकाश के दिन भी बीजेपी नेताओं के लिए राजभवन के दरवाजे खोल दिए जाते हैं, बीजेपी राज्य के शासन और समाज को अस्थिर करना चाह रही है.



जेएमएम का राज्यपाल पर आरोप
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 2019 में सरकार के बनने के बाद TAC को लेकर जेएमएम सरकार ने दो दो बार राज्यपाल से मुलाकात कर इस मामले से अवगत कराया है, पूरी सूची सौंपी गई, लेकिन राज्यपाल ने उस सूची को ना मानते हुए लौटा दिया, राज्यपाल अपना कोई भी निर्णय बिना राज्य सरकार के परामर्श के नहीं ले सकते हैं, राज्य सरकार के द्वारा भेजे गए नामों पर आपत्ति करना वह भी लगातार दो-दो बार कहीं ना कहीं दर्शाता है, कि राजभवन शायद इस सरकार से खुश नहीं है.

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संवैधानिक प्रावधानों के तहत लिया गया निर्णय
जेएमएम के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के तहत कैबिनेट की बैठक में यह कानून बनाना पड़ा, इस पूरे मामले में राजभवन का क्रियाकलाप भी संदिग्ध है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्य भवन पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह एक संवैधानिक पद है, राज्यपाल राज्य के संवैधानिक मुखिया होते हैं और उन्हें अपने राज्य पुलिस पर अगर भरोसा नहीं है, तो फिर क्या कहना. उन्होंने कहा कि राजभवन ने रूपा तिर्की के मामले में जो विज्ञप्ति जारी किया है, इससे स्पष्ट होता है कि राजभवन को अपने पुलिस महकमे पर भरोसा ही नहीं है, बंगाल, दिल्ली जैसे राज्यों में राज्य सरकारों के साथ राज्यपाल का जो टकराव है, वह जगजाहिर है, झारखंड में ऐसा ना हो यह जेएमएम उम्मीद करती है.


संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें राज्यपाल
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल बिना किसी राज्य सरकार के सहयोग से और तालमेल से अपने पावर का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, संवैधानिक पद की मर्यादाओं को रखने और संभालने की जरूरत है.

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