रांचीः झारखंड में कम बारिश की वजह से खेती पर बेहद नकारात्मक असर पड़ा है. राज्य में सामान्य से 46% कम बारिश हुई है. राज्य में 559 मिमी बारिश की जगह करीब 300 मिमी बारिश हुई है. राज्य के 24 में से 23 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से कम बारिश हुई है. जिसकी वजह से राज्य में खरीफ फसल की खेती पर खराब असर पड़ा है.
झारखंड में किसानों के आंखों से हो रही आंसुओं की बारिश, खराब मॉनसून ने रुलाया - खरीफ फसल की खेती
झारखंड में मॉनसून(monsoon in jharkhand) ने अब तक दगा ही दिया है. राज्य में अभी तक 330 मिमी बारिश हुई है. कम बारिश की वजह से किसान काफी परेशान हैं. विभाग को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति थोड़ी सुधरेगी.
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार धान और अन्य खरीफ फसल का आच्छादन बेहद कमःझारखंड के कृषि निदेशालय को सभी जिलों से मिली रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 18 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती होती है. जिसमें अभी तक सिर्फ 03 लाख 26 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान का आच्छादन हुआ है, जबकि पिछले वर्ष इस समय तक 13 लाख हेक्टेयर में धान रोपनी हो चुकी थी. इसी तरह अन्य खरीफ फसल के आच्छादन पर भी अल्प वृष्टि का असर हुआ है और पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम आच्छादन हुआ है. राज्य में अन्य खरीफ फसलों का आच्छादन सिर्फ 7 लाख 87 (28%) हजार हेक्टेयर में हुआ है, जबकि पिछले वर्ष 70% आच्छादन हो चुका था.
राज्य में कृषि की स्थिति बेहद खराबः मुकेश सिन्हाःराज्य के उपनिदेशक( कृषि) मुकेश सिन्हा ने बताया कि कम मॉनसूनी बारिश की वजह से खेती की स्थिति ठीक नहीं है और विभाग लगातार इस बात को लेकर गंभीर है कि कैसे किसानों को मदद पहुंचाई जाए. उन्होंने कहा कि अभी भी उम्मीद है कि राज्य में आने वाले दिनों में अच्छी बारिश होगी और स्थिति में थोड़ा सुधार होगा.
राज्य में अल्प वर्षा की वजह से गढ़वा, पलामू, चतरा, पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा, हजारीबाग सहित कई जिलों की स्थिति बेहद खराब है. वहीं पूर्वी सिंहभूम ही एक मात्र जिला है जहां मॉनसून की वर्षा सामान्य के करीब हुई है. अन्य जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश अभी तक हुई है. जिसमें रांची, रामगढ़, गिरिडीह, धनबाद, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा जैसे जिले भी शामिल हैं.