रांचीः झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटन का विवाद थम नहीं रहा है. सोमवार को झारखंड प्रदेश के विश्व हिंदू परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर आवंटित नमाज कक्ष के आदेश को रद्द करने की मांग की.
यह भी पढ़ेंःVIDEO: नमाज के लिए आवंटित कमरे पर सदन से सड़क तक संग्राम, बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज
विश्व हिन्दू परिषद के शिष्टमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा और नमाज रूम के फैसले पर आपत्ति जाहिर करते हुए असंवैधानिक बताया. विहिप के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री ए केशव राजू ने कहा कि झारखंड सरकार फूट डालो शासन करो की नीति अपनाकर समाज के बीच वैमनस्यता बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि नमाज रूम आवंटन करने से समाज में विद्वेष फैल रही है. अल्पदर्शी और अल्पविवेकी झारखंड सरकार के इस निर्णय के कारण जन आंदोलन शुरू है, जिससे विकास कार्य बाधित हो रहा है.
राज्य में बनी रहे सदभावना
विश्व हिन्दू परिषद ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात के दौरान कहा कि राज्य में सदभावना बनी रहे. इसको लेकर शीघ्र नमाज कक्ष आवंटन को रद्द किया जाए. क्षेत्रीय संगठन महामंत्री ए केशव राजू ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में किसी भी राज्य के विधानसभा भवन की अपनी मर्यादा होती है. विधानसभा भवन में राज्य के विकास की नीति निर्धारण की जाती है और विकास की कार्य योजना सुनिश्चित होती है. विधानसभा की कार्यप्रणाली में आम जनता की आस्था और विश्वास होता है. सदन में सर्वसाधारण जनता के लिए योजना बनाई जाती है, ना की किसी विशेष समुदाय के लिए कमरा आवंटित करना.
तुष्टीकरण की पराकाष्ठा
उन्होंने कहा कि सदन किसी भी धर्म अथवा संप्रदाय से ऊपर होती है. झारखंड में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, मुस्लिम, इसाई सहित कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं, लेकिन सभी धर्मों को मानने वाली जनता को नकारते हुए सिर्फ मुस्लिम को प्रश्रय देना तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है. शिष्टमंडल में क्षेत्रीय संगठन महामंत्री ए केशव राजू के साथ साथ विहिप नेता गिरिजा शंकर पांडे, प्रांत उपाध्यक्ष गंगा प्रसाद यादव, डॉ. शिवप्रसाद साहू आदि शामिल थे.