रांची: झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक रविवार को हुई. बैठक में संगठन को मजबूत करने और झारखंड की नई सरकार जिस तरह से वैश्य मोर्चा के पदाधिकारियों और व्यापारियों को निशाना बना रही है, उसको लेकर चर्चा की गई.
बैठक में मोर्चा ने सरकार से कई आग्रह भी किए, साथ ही संगठन के होने वाले महाअधिवेशन को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया. इसके अलावा बैठक में 19-20 अप्रैल को रांची में होने वाले प्रथम महाधिवेशन की तैयारी के लिए सक्रियता बढ़ाने को लेकर बात की गई.
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वहीं, 28 फरवरी को रामगढ़, 1 मार्च को गोमिया और 6 मार्च को रांची में होने वाले जिला सम्मेलन और राज्य सरकार के वैश्यों को निशाना बनाने के षडयंत्र के मुद्दे को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहू और संचालन प्रधान महासचिव विरेंद्र कुमार ने की.
बैठक में कई मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया गया और फिर चार प्रस्ताव पारित किए गए
1. राज्य सरकार और प्रशासन राजनीतिक बदले की भावना से वैश्य समाज के अधिकारियों, नेताओं और व्यापारियों को निशाना बना रही है, जो कहीं से भी उचित नहीं है. इसकी हम घोर निंदा करते हैं और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग करते हैं कि वे सभी का साथ और सहयोग लेकर अपने विकास के एजेंडों को आगे बढ़ाने के लिए काम करें.
2. महागठबंधन में शामिल सभी दलों ने अपने घोषणा पत्र में ओबीसी को 27% आरक्षण देने की बात कही थी और अब उनकी सरकार बन गई है तो यह बैठक राज्य सरकार से आग्रह करती है कि ओबीसी को आगामी विधानसभा सत्र में 27% आरक्षण देने का संकल्प लिया जाए.
3. झारखंड में वैश्यों की आबादी करीब 40% है और इस समाज के लोगों ने भी सरकार बनाने में अपना योगदान दिया है. इसलिए सरकार में कम से कम दो मंत्री वैश्य समाज के होने चाहिए. कांग्रेस ने अपने कोटे से वैश्य समाज को मंत्री पद दे दिया है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह है कि वे भी झामुमो के कोटे से गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू को मंत्री बना कर वैश्य समाज का मान बढ़ाए.
4. आर्थिक मंदी के कारण छोटे दुकानदारों और व्यापारियों की हालत बहुत खराब है, इसलिए इनका पांच लाख रुपए तक का ऋण माफ किया जाए.