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झारखंड की ढाई लाख रसोइया का महाजुटान, 3 दिसंबर को मोरहाबादी मैदान में जुटकर करेंगे वेतनमान की मांग - झारखंड न्यूज

Movement of cooks of Jharkhand. 3 दिसंबर को रांची में झारखंड रसोईया संघ कर्मचारियों का आंदोलन होगा. प्रदेश के करीब 2 लाख 47 हजार रसोइया कर्मचारी न्यूनतम वेतनमान की मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे.

Jharkhand State School Rasoiya Association employees protest in Ranchi on December 3
3 दिसंबर को रांची में झारखंड रसोईया संघ कर्मचारियों का आंदोलन

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 25, 2023, 7:33 PM IST

Updated : Nov 25, 2023, 7:42 PM IST

3 दिसंबर को रांची में झारखंड रसोईया संघ कर्मचारियों का आंदोलन, जानकारी देते संघ के सदस्य

रांची: झारखंड के विभिन्न विद्यालयों में बच्चों के लिए मध्यान्न भोजन बनाने वाली लाखों रसोइया और संयोजिका एक बार फिर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुखर हैं. वो सभी एक बार फिर से सरकार के समक्ष एकजुट हो रही हैं. राज्य में काम करने वाले करीब 2 लाख 47 हजार रसोइया कर्मचारी आगामी 3 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में एकजुट होंगे.

3 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम को लेकर झारखंड प्रदेश विद्यालय रसोइया संयोजिका संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत प्रजापति ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री के सामने वे मांग रखेंगे कि अब स्कूलों में खाना बनाने वाले रसोइया को न्यूनतम वेतन दिया जाए. जबकि वर्तमान में रसोइया को मात्र 66.66 रुपये प्रतिदिन वेतन के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है. जबकि संयोजिका और अध्यक्ष को बिना वेतन का ही काम करना पड़ रहा है.

झारखंड प्रदेश विद्यालय रसोइया संयोजिका संघ की कोषाध्यक्ष अनिता कुमारी बताती हैं कि पिछले 19 वर्ष से राज्य के विभिन्न स्कूलों में बच्चों को भोजन बनाने का काम कर रही हैं. लेकिन उनके घरों में कैसे भोजन बन रहा है यह उन्हें ही पता है. सरकारी स्कूलों में बच्चों का खाना बनाने वाली रसोइया को 66 रुपये प्रतिदिन दिए जाते हैं. इस प्रकार से उन्हें महीने में 1900 रुपये का भुगतान किया जाता है लेकिन वो राशि भी उन्हें प्रति माह नहीं मिल पाता. इस महंगाई के युग में इतने कम राशि में काम करना रसोइया के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.

3 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आने वाले मुख्यमंत्री से वह मांग करेंगे कि सभी रसोइया को 18 हजार रुपए प्रतिमा न्यूनतम वेतन दिया जाए. पिछले 19 साल से सेवा दे रहे रसोइया और संयोजिका का 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा कराया जाए. सभी कर्मचारियों को पेंशन स्कीम से जोड़ा जाए, रसोइया और संयोजिका को पीएफ का लाभ दिया जाए. अब देखने वाली बात हो गई कि 3 दिसंबर को जुटान होने वाले कार्यक्रम में आने वाले लाखो रसोइया संयोजिका के आग्रह के बाद क्या कुछ निर्णय आता है या फिर अपनी विभिन्न मांगों के लिए रसोइया संघ को अभी और भी लंबा संघर्ष करना होगा.

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Last Updated : Nov 25, 2023, 7:42 PM IST

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