रांची: झारखंड राज्य हाउसिंग बोर्ड इन दिनों एक्शन में है. बोर्ड की जमीन और आवास पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ इन दिनों कार्रवाई की जा रही है. जिसके तहत हाउसिंग बोर्ड ने रांची, जमशेदपुर, बोकारो, हजारीबाग, धनबाद, पलामू आदि जगहों में अतिक्रमित जमीनों को खाली कराने के लिए 15 दिनों का नोटिस भेजकर अल्टीमेटम (Housing Board notice to encroachers) दिया है. हाउसिंग बोर्ड के सचिव पवन कुमार साव के अनुसार ऐसे अतिक्रमणकारियों के खिलाफ बोर्ड सख्ती से पेश आयेगी जिन्होंने बोर्ड की जमीन और फ्लैट पर अनाधिकृत रुप से कब्जा जमा रखा है. इस अभियान में सर्वाधिक अतिक्रमण का मामला जमशेदपुर में पाया गया है, जहां करीब एक हजार लोगों को नोटिस भेजी गई है. इसी तरह रांची सहित अन्य शहरों में भी हजारों लोगों को चिन्हित किया गया है, जो बोर्ड की संपत्ति को अनाधिकृत रुप से उपयोग कर रहे हैं.
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अनाधिकृत रुप से बोर्ड की जमीन पर व्यावसायिक कारोबार करने वाले को नोटिस:झारखंड राज्य आवास बोर्ड द्वारा इन दिनों चलाई जा रही विशेष अभियान में आवास बोर्ड की जमीन पर अनाधिकृत रुप से व्यवसायिक इस्तेमाल करने वाले आवंटियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है. आवास बोर्ड के सचिव पवन कुमार साव के अनुसार ऐसे व्यावसायिक इस्तेमाल करने वाले आवंटियों को जुर्माना के साथ प्रतिष्ठान बंद करने की कार्रवाई की जायेगी. यदि ऐसा नहीं होता है या विरोध किया जायेगा तो संबंधित आवंटियों के आवास बोर्ड की शर्तो के अनुसार आवंटन रद्द कर दिया जायेगा.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग आवास बोर्ड के नोटिस से लोगों में हड़कंप:आवास बोर्ड के नोटिस से अतिक्रमणकारियों (Housing Board notice to encroachers) में हड़कंप मचा हुआ है. बोर्ड दफ्तर में हर दिन लोगों की भीड़ बोर्ड से रियायत लेने को लेकर जुट रही है. लोगों का मानना है कि वे लंबे समय से रैयत से जमीन खरीदकर घर बनाकर रह रहे हैं. मगर आज आवास बोर्ड इस जमीन को अपना बताकर हमें बेघर करने की धमकी दी है. कडरु के आनंद विहार की करीब 22 एकड़ जमीन पर आवास बोर्ड का दावा ने यहां रह रहे करीब एक हजार परिवार को मुसीबत में डाल दिया है. आवास बोर्ड से नोटिस मिलने से परेशान इन लोगों ने सोमवार को आवास बोर्ड के सचिव से मुलाकात की. कडरु आनंद विहार में करीब 30 वर्षों से रह रहे प्रदीप घोष बताते हैं कि बोर्ड ने उनके आग्रह को अनसूनी कर एकतरफा कार्रवाई कर रही है. इसी तरह एलिस सोरेन अपना दर्द बताकर कहती हैं कि हमने रैयत से जमीन खरीदा, म्यूटेशन कराया और अब 25 वर्ष बाद आवास बोर्ड इसका दावा कर रहा है और हमारा घर उजारने पर आमदा है. आखिर हम बच्चों को लेकर कहां जाएं.