रांचीःझारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की घोषणा जल्द होगी. राज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय में सोमवार को हुई हाईलेवल बैठक में चुनाव तैयारी की समीक्षा की गई. बैठक में पांच से सात चरण में चुनाव कराने पर चर्चा हुई है. इसके अलावा चुनाव त्योहारों के बाद कराने पर भी चर्चा हुई है.
ये भी पढ़ें-सिमडेगा में पंचायत राज विभाग की बड़ी कारवाई, पिछली बार के 254 उम्मीदवार नहीं लड़ पाएंगे इसबार चुनाव
निर्वाचन आयोग कार्यालय में हाईलेवल बैठक
झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की घोषणा जल्द होगी. झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय में सोमवार को हुई हाईलेवल बैठक में पंचायत चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की गई.
राज्य निर्वाचन आयुक्त डीके तिवारी के नेतृत्व में हुई इस बैठक में पंचायती राज विभाग के सचिव राहुल शर्मा,आईजी अभियान ए वी होमकर ने सभी जिलों के डीसी-एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रशासनिक और विधि व्यवस्था की तैयारियों की जानकारी ली. बैठक में सुरक्षा बलों की तैनाती का भी आंकलन किया गया. सभी जिलों से आवश्यकता के अनुरूप सुरक्षा बलों की मांग की गई. साथ ही संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को लेकर भी चर्चा की गई.
कई चरणों में मतदान कराने की योजना
राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कई चरणों में कराने की योजना बनाई है, जिससे शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न हो सके. जानकारी के मुताबिक पांच से सात चरणों में राज्य में पंचायत चुनाव होने की संभावना है. बैठक में चुनाव पर्व-त्योहार के बाद कराने पर भी विचार किया गया. बैठक में राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला स्तर पर की गई तैयारी पर संतोष जाहिर किया. आयोग ने कहा कि जल्द ही चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी.
राज्य में तीसरी बार होगा पंचायत चुनाव
झारखंड में काफी जद्दोजहद के बाद वर्ष 2010 में पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हुए. बाद में 2015 में एक बार फिर गांव की सरकार बनी, जिसमें राज्यभर में 4402 मुखिया, 545 जिला परिषद सदस्य, 5423 पंचायत समिति सदस्य, 54330 ग्राम पंचायत सदस्यों का निर्वाचन हुआ था. वर्तमान में झारखंड में कुल 32660 गांव हैं जिनके निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल दिसंबर 2020 में ही समाप्त हो चुका है.पंचायत चुनाव नहीं होने से राज्य सरकार को 15 वें वित्त आयोग से प्राप्त होनेवाली राशि से वंचित होने का खतरा है. इसलिए राज्य सरकार हर हाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जल्द से जल्द कराना चाह रही है.