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झारखंड स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग का स्कूल रिओपन को लेकर विशेष गाइडलाइन जारी, पढ़ें रिपोर्ट

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Published : Aug 2, 2021, 11:03 PM IST

झारखंड में 9वीं से लेकर 12वीं तक के कक्षा संचालन को लेकर गाइडलाइन जारी किया है. स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार स्कूल प्रबंधकों को अभिभावकों की राय लेकर ही बच्चों का पठन-पाठन सुनिश्चित कराना है. इस निर्देश में यह भी कहा गया है कि अगर कोई विद्यार्थी ऑनलाइन पठन-पाठन का लाभ लेना चाहते हैं, तो उनका स्कूल आना अनिवार्य नहीं है.

रांची
स्कूल रिओपन को लेकर जारी किया विशेष गाइडलाइन

रांचीः राज्य सरकार की ओर से पहले ही 9वीं से लेकर 12वीं तक के कक्षा संचालन को लेकर गाइडलाइन जारी किया है. इसको लेकर सोमवार को सूबे के सभी डीसी और शिक्षा संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है.

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राज्य के सभी सरकारी और निजी विद्यालय 17 मार्च 2020 से वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण बंद रखा गया है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से बचने के लिए यह कदम उठाया गया था. लेकिन, कोरोना मरीजों की संख्या कम हुई, तो 21 दिसंबर 2020 को 9वीं से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं शुरू की गई थी. हालांकि, कुछ ही दिनों के बाद कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हुई, तो फिर स्कूलों को बंद कर दिया गया.

आपदा प्रबंधन विभाग ने लिया निर्णय

आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक के बाद राज्य सरकार ने दो दिनों पहले ही निर्णय लिया कि बाधित हो रहे पठन-पाठन को देखते हुए सीनियर बच्चों के लिए स्कूल खोल देना चाहिए. इस निर्णय के आलोक में सभी निजी और सरकारी स्कूल खोल दिए जाएंगे.

विशेष गाइडलाइन जारी

सोमवार को आधिकारिक रूप से इसे लेकर एक विशेष गाइडलाइन जारी किया गया है. तमाम स्कूलों के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था में जुड़े पदाधिकारियों और उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है, ताकि स्कूल खुलने के बाद किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े. कोरोना महामारी को लेकर जारी प्रोटोकॉल का पालन करना है. इस नियम को राज्य के सभी सीबीएसई, आईसीएसई और जैक बोर्ड की ओर से संचालित स्कूलों को पालन करना है. इसके साथ ही सरकारी स्कूलों को शीघ्र सैनिटाइज करने का निर्देश दिया गया है.


अभिभावकों की राय जरूरी

स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया कि स्कूल प्रबंधकों को अभिभावकों की राय लेकर ही बच्चों का पठन-पाठन सुनिश्चित कराएंगे. इस निर्देश में यह भी कहा गया है कि अगर कोई विद्यार्थी ऑनलाइन पठन-पाठन का लाभ लेना चाहते हैं, तो उनका स्कूल आना अनिवार्य नहीं है. वहीं, जो विद्यार्थी स्कूल आना चाहते हैं. वह अभिभावकों की ओर से लिखित एक एफिडेविट स्कूल प्रबंधक को सौंपेंगे. इसके बाद ही उन्हें स्कूल आने की अनुमति दी जाएगी.

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