रांची: झारखंड में इन दिनों एक साथ कई घोटालों की चर्चा हो रही है. कई मामलों की जांच एसीबी या सीआईडी के हाथों में है तो कई मामले कोर्ट में लंबित हैं. इसमें से अधिकतर मामलों में एक पूर्व मुख्यमंत्री पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आरोप है.
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चारा घोटाला
अविभाजित बिहार में 1994-95 के समय से चारा घोटाले की खबरें सुर्खियों में रही. इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को अपनी कुर्सी भी छोड़नी पड़ी थी. चारा घोटाला का केंद्र भी वर्तमान में झारखंड के कई जिले (रांची, दुमका, पश्चिम सिंहभूम) रहे हैं. इन्हीं जिलों से अवैध निकासी हुई थी. चारा घोटाला मामले में दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र जेल यात्रा कर चुके हैं. लालू यादव अभी हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आए हैं.
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चार हजार करोड़ का खान घोटाला
चारा घोटाला के बाद चार हजार करोड़ का खान घोटाला पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया. इस घोटाला में पूर्व सीएम मधु कोड़ा को भी जेल यात्रा करनी पड़ी. कोल ब्लॉक आवंटन के एक मामले में कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को तीन साल की सजा भी सुनाई है. मधु कोड़ा फिलहाल जेल से बाहर है. कोड़ा ने 2019 में चुनाव लड़ने के लिए कोर्ट से अपने आप को दोष मुक्त करने का आग्रह किया था जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
इम मामलों में जांच के आदेश कई और घोटालों की जांच
2019 में विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड में सत्ता परिवर्तन हुआ. इसके बाद से पिछली सरकार के काम-काज पर सवाल उठने लगे. कई मामलों में जांच भी चल रही है और कई मामलों में जांच के लिए कोर्ट में अर्जी भी डाली गई है. मैनहर्ट घोटाला, राज्यसभा चुनाव 2016 हॉर्स ट्रेडिंग, कंबल घोटाला, धनबाद नगर निगम घोटाला, मोमेंटम झारखंड घोटाला, नए विधानसभा और नए हाई कोर्ट भवन निर्माण में अनियमितता की जांच या तो एसीबी या सीआईडी से हो रही है.
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इन मामलों की जांच की मांग
इन के अलावा कई और मामलों की जांच की मांग राजनीतिक दलों के नेता करते रहे हैं. इनमें लौह अयस्क सहित कई खनिजों के घोटाले, रोजगार घोटाला, नकली नक्सली सरेंडर पॉलिसी घोटाला, सिंचाई योजना घोटाला, पीटीपीएस घोटाला, नियुक्ति घोटाला, अडाणी पावर घोटाला, फ्लाईओवर घोटाला, लैंडबैंक घोटाला, भूमि घोटाला, विदेश भ्रमण घोटाला, टी-शर्ट घोटाला और आईपीआरडी घोटाला प्रमुख है.
इन मामलों की जांच की मांग सरयू राय ने खोल रखा है मोर्चा
रघुवर मंत्रिमंडल में मंत्री रहे सरयू राय मानों हाथ धोकर उनके पीछे पड़े हैं. चाहे मैनहर्ट घोटाला हो या लौह अयस्क खनिज घोटाला या फिर टी-शर्ट टॉफी घोटाला, सभी मामलों में जांच के लिए जोर लगाए हुए हैं. कई मामलों में उन्होंने सीधे सीएम से जांच की मांग की है. सरयू राय ने गड़बड़ी से जुड़े दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं. सरयू राय घोटालों को उजागर करने के लिए भी जाने जाते हैं. 1994 में उन्होंने चारा घोटाला उजागर किया था उसके बाद अलकतरा घोटाला पर भी उन्होंने ही ध्यान दिलाया था. इन सभी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री समेत कई नेता और अधिकारी जेल यात्रा कर चुके हैं.
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ईटीवी भारत आपको हर ऐसे घोटाले के बारे में बता रहा है. यह घोटाला कैसे हुआ, सरकारी खजाने को कितने का चूना लगा, किसने सरकारी खजाने को लूटा... ये सभी सिलसिलेवार तरीके से आपको बताएंगे. झारखंड घोटाला पार्ट-1 में हम आपको ऐसे ही एक बड़े घोटाला के बारे में विस्तार से बताएंगे.