रांची: झारखंड में निजी स्कूलों की फीस वसूली मामले में झारखंड सरकार के फीस न लेने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. इस मामले में अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को 23 अगस्त से पूर्व अपना जवाब पेश करने का आदेश दिया है. साथ ही विस्तृत सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तिथि निर्धारित की है. राज्य के निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों की नजर अब हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में राज्य के निजी स्कूलों के फीस वसूली मामले में झारखंड सरकार के आदेश को निरस्त करने की मांग को लेकर याचिका पर सुनवाई हुई. स्कूलों के अधिवक्ता अभय मिश्रा ने बताया कि न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल हुए. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि झारखंड सरकार ने जिस दिल्ली सरकार की तर्ज पर स्कूल में फीस न लेने का आदेश दिया है. उस दिल्ली सरकार के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने उस आदेश को गलत करार देते हुए रद्द कर दिया है. उसके बाद दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिका दायर की, सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए दिल्ली सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने प्रार्थी के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तिथि निर्धारित की है. इस बीच राज्य सरकार को अपना पक्ष अदालत में पेश करने को कहा है.
फीस न लेने के आदेश को दी गई है चुनौती
बता दें कि झारखंड अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने झारखंड सरकार की फीस वसूली न करने के आदेश को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति से मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तिथि निर्धारित की है. इस बीच राज्य सरकार को अगर अपना पक्ष रखना चाहे तो उसे स्पष्ट करने को कहा है.