रांची:हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में ईडी के खिलाफ याचिका दायर की गई. याचिका में कई त्रुटियां पाई गई, जिस पर हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री को ठीक करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री के द्वारा दायर की गई याचिका में त्रुटि पाए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से ये आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री जानबूझकर त्रुटियां डाले है. ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा समय मिल सके.
सीएम हेमंत सोरेन की याचिका में त्रुटियों पर बीजेपी के तंज पर जेएमएम का जवाब, कहा- ईडी और हाईकोर्ट का ना बनें प्रवक्ता
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जिसमें त्रुटियां पाई गई हैं. इसी को लेकर बीजेपी का कहना है कि सीएम ने जानबूझकर गलती की है. जिससे उन्हें और अधिक समय मिल जाए. errors in petition filed against ED
Published : Sep 26, 2023, 6:56 PM IST
|Updated : Sep 29, 2023, 1:55 PM IST
अनर्गल बयानबाजी करते रहते हैं:भाजपा के इसी बयान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जवाब देते हुए कहा है कि हाईकोर्ट और ईडी के प्रवक्ता भी भारतीय जनता पार्टी बन रहे हैं. जो की पूरी तरह से गलत है. झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद त्रुटियां आना साधारण सी बात है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि बाबूलाल मरांडी ने 2020 में विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ याचिका दायर किया था. उसमें भी कई त्रुटियां पाई गई थी लेकिन पार्टी के लोगों ने उस पर किसी तरह का कोई बयानबाजी नहीं की थी. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी के लोग साधारण से मुद्दे को भी राजनीतिक मुद्दा बनाते हैं और अनर्गल बयानबाजी करते रहते हैं.
दिल्ली की टीम झारखंड पर केंद्रित:उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से प्रतुल शाहदेव की तरफ से बयानबाजी की गई है, वह कहीं से भी न्यायोचित नहीं है. वहीं जेएमएम के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी भाजपा में जाकर उन्हीं की तरह सोचने लगे हैं. जबकि उनकी संस्कृति झारखंड से जुड़ी है. सुप्रियो ने कहा कि दिल्ली की टीम झारखंड पर केंद्रित हो गई है और हेमंत सोरेन पर निशाना साध कर उन्हें फंसाने का प्रयास कर रही है.
कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचा रहे:सुप्रियो भट्टाचार्य ने पेसा कानून पर कहा कि राज्य सरकार ने जब से पेसा कानून को और भी मजबूत करने की पहल की है तब से बीजेपी वालों के पेट में ज्यादा दर्द हो रहा है. भाजपा के लोगों को यह नहीं पच रहा है कि यदि ग्राम सभा को मजबूत किया जाएगा तो ऐसे में उनके कॉरपोरेट साथियों को झारखंड के जल-जंगल-जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाएगी. जिस प्रकार से भाजपा के लोग झारखंड के जल-जंगल-जमीन पर कब्जा कर कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचा रहे हैं, ऐसे में यदि पेसा कानून मजबूत होगा तो फिर भाजपा के कॉरपोरेट घरानों के दोस्तों को लाभ नहीं पहुंच पाएगा.