रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन की मुश्किलें सरकार के साथ काम करने वाले लोगों की करतूत के कारण कम नहीं हो रही हैं. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एक निजी व्यक्ति के घर में बैठकर फाइल पर दस्तखत कर रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद हेमंत सोरेन की एक बार फिर किरकिरी हुई है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इसका वीडियो जारी किया और वीडियो में साफ तौर पर अधिकारी फाइल पर दस्तखत करते दिख रहे हैं, इनका नाम राजीव अरुण एक्का है.
Jharkhand Politics: विपक्ष के निशाने पर क्यों हैं हेमंत के 'खास'! सलाहकार, प्रतिनिधि, सचिव सभी हैं जांच की जद में - हेमंत सोरेन पर बाबूलाल मरांडी का आरोप
हेमंत सोरेन की परेशानी विपक्षियों से ज्यादा अपने खास लोगों से ही है. क्योंकि विपक्षी भी उन्हीं खास को लेकर उन्हें घेरने की कोशिश करते रहते हैं. चाहे वह विधायक प्रतिनिधि हों, चाहे मीडिया सलाहकार, चाहे सुरक्षा सलाहकार या फिर प्रधान सचिव सभी ने सीएम हेमंत को परेशानी में ही डाला है.
वीडियो जारी करने के बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हर काम हेमंत सरकार में गलत ही चल रहा है और हेमंत सोरेन को इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं है क्योंकि पूरे प्रदेश में ही भ्रष्टाचार चरम पर है. मुख्यमंत्री इसका ध्यान ही नहीं रख रहे हैं. ईटीवी भारत से खास बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह चीजें देखनी होंगी कि हेमंत सोरेन की राह कौन सी है. शायद अपने लोगों के कारण हेमंत सोरेन अब होटवार जाने की राह पर हैं
मुख्यमंत्री के साथ जुड़े लोगों के कामकाज के सही तरीके नहीं होने का यह पहला मामला नहीं है. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अभी वीडियो के माध्यम से सामने आए हैं. जबकि मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा अवैध खनन के मामले में जेल में हैं. सीएम के मीडिया सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव (पिंटू) भी जांच की जद में हैं और सीएम के मुख्य सुरक्षा सलाहकार को भी ईडी की नोटिस मिल चुकी है. क्योंकि ईडी के छापा में एके-47 मिले थे, इसलिए वह भी जांच की जद में हैं.
कुल मिलाकर अगर सरकार के ऊपर उठ रहे सवालों की बात की जाए तो सत्ता पक्ष साफ तौर पर यह कह देता है कि विपक्ष की चाल है. लेकिन जिस तरीके से सरकार की चाल है, वह विपक्ष को मुद्दा ही क्यों दे रही है. अब देखने वाली बात यह है कि किस तरीके से इस मामले का पटाक्षेप होता है क्योंकि जो कुछ हो रहा है सरकार की नीतियों के अनुसार तो ठीक नहीं कहा जा सकता.