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Action Against Cyber Crime: साइबर अपराधियों खिलाफ लड़ाई में उतरे चाचा चौधरी और वीरू! जानिए, क्या है पुलिस की रणनीति

झारखंड में साइबर अपराधियों की अब खैर नहीं. ऐसा इसलिए क्योंकि जिनका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है यानी चाचा चौधरी साइबर अपराधियों खिलाफ लड़ाई में शामिल हो गए हैं. इतना ही नहीं फिल्मी सितारे भी लड़ाई के इस मैदान में कूद पड़े हैं. साइबर क्राइम कंट्रोल के खिलाफ जन जागरूकता अभियान के लिए झारखंड पुलिस की क्या है रणनीति, ईटीवी भारत की इस स्पेशल रिपोर्ट से जानिए.

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Published : May 2, 2023, 8:07 PM IST

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रांचीः कुछ फिल्मी डायलॉग और कार्टून कैरेक्टर हमारे दिलो दिमाग में घर कर चुके हैं. चाहकर भी उन्हें ताउम्र नहीं भुला पाते हैं. इतना ही नहीं दैनिक जीवन के बोलचाल में भी हम उसका इस्तेमाल करते हैं. मिसाल के तौर चाचा चौधरी, जिनका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है और फिल्म के बसंती और वीरू का पात्र. ऐसे कुछ कैरेक्टर हमारे जीवन का अभिन्न अंग है. लेकिन अब ये पात्र झारखंड में साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई मे कूद चुके हैं.

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झारखंड में साइबर अपराध पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभर रहे हैं. हर दिन किसी न किसी को साइबर अपराधी अपना निशाना बना रहे हैं. खासकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले भोले-भाले ग्रामीण बहुत जल्द साइबर अपराधियों के झांसे में आ जाते हैं और अपने जीवन की गाढ़ी कमाई से हाथ धो बैठते हैं. यह सभी जानते हैं कि जागरूकता ही साइबर अपराध का सबसे बड़ा बचाव है. ऐसे में झारखंड पुलिस के द्वारा ग्रामीणों को साइबर अपराधियों से बचाने के लिए अब लोकल भाषाओं में ही प्रचार प्रसार शुरू कर दिया गया है. इसके लिए बकायदा चाचा चौधरी जैसे फेमस कार्टून करैक्टर और फिल्मी हस्तियों के प्रसिद्ध डायलॉग का इस्तेमाल किया जा रहा है.

स्थानीय भाषा में तैयार किए गए वीडियोः वर्तमान समय में इंटरनेट की पहुंच गांव गांव तक फैल चुकी है. लेकिन यही इंटरनेट साइबर अपराधियों के लिए ग्रामीणों को ठगने का सबसे बड़ा साधन भी है. ग्रामीणों के बीच स्मार्टफोन के जरिए इंटरनेट की पहुंच हुई तो उसी स्मार्टफोन के जरिए उनके खातों पर से साइबर अपराधी हाथ साफ करने लगे हैं. कभी बिजली बिल के बकाया को लेकर, कभी जनगणना के सर्वे का झांसा देकर तो कभी कोई और तिकड़म लगाकर लोगों को ठग रहे हैं.

अब तक साइबर अपराधियों के खिलाफ जागरूकता का अभियान हिंदी या अंग्रेजी भाषा में ही चल रहा था लेकिन इन भाषाओं की पहुंच ग्रामीणों तक बहुत कम है. ऐसे में झारखंड पुलिस के द्वारा लोकल भाषाओं में वीडियो, पंपलेट और नामी हस्तियों के द्वारा बोले गए स्लोगन और डायलॉग को इस्तेमाल कर साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूकता अभियान शुरू किया गया है. झारखंड डीजीपी अजय कुमार सिंह लोकल भाषाओं का इस्तेमाल कर चल रहे जागरूकता अभियान को लेकर बेहद उत्साहित हैं. डीजीपी के अनुसार ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोग खासकर जो सिर्फ लोकल भाषा ही जानते हैं उनके लिए प्रचार प्रसार का यह साधन बेहद कारगर साबित होगा.

हर जिले में तैयार किया जा रहा वीडियोः झारखंड का हर जिला साइबर अपराधियों के प्रभाव में है. ऐसे में जागरूकता अभियान को बेहतर ढंग से चलाने के लिए हर जिले के पुलिस कप्तान के द्वारा कार्टून वाले वीडियो का निर्माण करवाया जा रहा है और फिर उसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है. कार्टून वीडियो का निर्माण करने में झारखंड का सिमडेगा जिला अभी सबसे अव्वल है. वहां पर एक दर्जन से ज्यादा जागरूकता कार्टून वीडियो का निर्माण कर ग्रामीणों के बीच उसे फैलाया जा रहा है. कुछ स्थानों पर तो स्क्रीन लगाकर भी वीडियो का प्रसारण किया जा रहा है ताकि ग्रामीणों तक जागरूकता पहुंच सके और वह ठगी के शिकार होने से बच सकें.

चाचा चौधरी और वीरू भी कर रहे जागरूक! झारखंड में साइबर अपराधियों के खिलाफ लड़ाई में कंप्यूटर से भी तेज दिमाग चलाने वाले चाचा चौधरी भी मैदान में कूद पड़े हैं. वहीं शोले के वीरू भी अपनी बसंती को कहते दिखाई दे रहे हैं कि बसंती तुम साइबर अपराधियों को किसी भी कीमत पर अपना ओटीपी मत बताना. साइबर अपराधियों के खिलाफ इस तरह के स्लोगन का साइबर अपराधियों के खिलाफ जमकर प्रयोग किया जा रहा है. खासकर जामताड़ा जैसे जिलों में तो चाचा चौधरी साइबर अपराधियों के खिलाफ बेहद कारगर साबित हो रहे हैं.

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