रांची: राज्य में मानसून की दगाबाजी के बाद किसानों को अब अकाली का डर सताने लगा है. झारखंड में पिछले बार भी 9 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था. जिससे किसान काफी परेशान हुए थे.
झारखंड सरकार ने 15 अगस्त तक का डेडलाइन रखा है, अगर इस बीच अच्छी बारिश नहीं होती है तो कुछ जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया जाएगा, जबकि कुछ जिलों में धान रोपाई पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. राज्य में इस बार मानसून ने 15 दिन की देरी से प्रवेश किया है, जिसके कारण मानसून कमजोर पड़ गया.
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राज्य में मानसून की देरी से पहुंचने का फसलों पर खासा असर दिख सकता है. प्रदेश में मानसून 20 जून को प्रवेश किया है. हाल के दिनों में बारिश तो हो रही है, लेकिन इतनी कम बारिश होने से फसलों को फायदा नहीं हो रहा है. राज्य में मानसून का जो स्थिति है वो किसानों के लिए निराशाजनक है.
झारखंड में 1 जून से 29 जुलाई के बीच में 61.1बारिश हुई है
- पिछले वर्ष धान की रोपाई1 जून से 29 जुलाई के बीच 25% हुई थी, लेकिन इस बार मात्र 21% धान की रोपाई हो पायी है, यानी पूरी 4% की कमी देखने को मिल रही है.
- पिछले वर्ष मक्का की बुआई 1 जून से 29 जुलाई के बीच 69% हुई थी, लेकिन इस बार 74% तक हुई है.
- पिछले वर्ष दलहन फसल की बुआई 1 जून से 29 जुलाई के बीच 42% हुई थी, जो इस बार 50% हो गई है.