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Ranchi News: दो हजार के नोट को चलन से बाहर कर मोदी सरकार ने डूबाया देशवासियों का 20 हजार करोड़ रुपया- जेएमएम - झारखंड न्यूज

रांची में जेएमएम की प्रेस वार्ता हुई, जिसमें पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि दो हजार के नोट चलन से बाहर कर मोदी सरकार ने देशवासियों के 20 हजार करोड़ रुपया डूबा दिया. जेएमएम ने इसे देश पर आर्थिक प्रहार करार दिया है.

Jharkhand Mukti Morcha targets central government for withdraw 2000 rupee notes
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Published : May 21, 2023, 7:15 PM IST

Updated : May 21, 2023, 7:30 PM IST

जानकारी देते जेएमएम नेता

रांची: दो हजार रुपये के नोट 30 सितंबर 2023 तक भारत में प्रचलन से बाहर हो जाएगा. आरबीआई के इस फैसले पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. रांची में पार्टी कार्यालय में केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन किया. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि दो हजार का नोट छापना गलत फैसला था और अब इस नोट को वापस लेने के फैसला भी गलत है. उन्होंने इसकी तुलना आर्थिक आंतकवाद से की है.

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झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बैंकों में 30 सितंबर तक दो हजार के नोट एक्सचेंज करने वाले व्यक्तियों के नाम सार्वजनिक करने की भी मांग की. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कर्नाटक में हार चुकी भाजपा अब राजस्थान, मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ और अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर दो हजार के नोट वापस लेने का फैसला किया है. पार्टी प्रवक्ता ने इसे देश पर आर्थिक प्रहार बताया है.

देशवासियों के 20 हजार करोड़ रुपये मोदी सरकार ने डूबा दिए- झामुमोः झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह तथ्य है कि दो हजार वाले नोट छापने में सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे. अब जब यह नोट वापस हो रहे हैं, इससे साफ है कि इस केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले 7 साल में ही दो हजार वाले नोट की छपाई में आम जनता का 20 हजार करोड़ रुपया डूबा दिया.

पहली नोटबंदी में तबाह हो गए थे रोजगार जेनरेट करने वाले उद्योग धंधेः झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वर्ष 2016 में जब रात्रि 8:00 बजे देश के प्रधानमंत्री ने पहली बार आर्थिक आतंकवाद का एक बड़ा हमला देश पर किया था. उसके प्रभाव से देश में दो लाख से ज्यादा मंझोले, छोटे और असंगठित क्षेत्र के उद्योग धंधे तबाह हो गए थे, यही सेक्टर सबसे अधिक रोजगार जेनरेट करता था.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री बीजेपी खुद है और वह अगर भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए नोटबंदी की बात करें तो यह हास्यास्पद ही है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जब 2016 में नोटबंदी की गई थी तब उस समय देश के वित्त मंत्री और आरबीआई के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली थी और एक राजनीतिक व्यक्ति आर्थिक आपदा पर बयानबाजी कर रहा था.

Last Updated : May 21, 2023, 7:30 PM IST

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