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गैर दलीय आधार पर नगर निकाय चुनावः जनप्रतिनिधियों की राय बंटी, चुनाव में देरी की भी आशंका

गैर दलीय आधार पर मेयर-डिप्टी मेयर के चुनाव पर राज्य सरकार के फैसले ने नई बहस छेड़ दी है. इस पर जनप्रतिनिधियों की राय बंटी हुई है. कुछ ने राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया है तो कुछ ने इसके चलते चुनाव प्रक्रिया लटकने या इसमें देरी का आशंका जताई है. वहीं राज्य निर्वाचन आयोग ने नए सिरे से तैयारी शुरू कर दी है.

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राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय झारखंड

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Published : Oct 4, 2021, 5:16 PM IST

रांची:नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर का चुनाव गैर दलीय आधार पर कराने के राज्य सरकार के फैसले के बाद राज्य के 14 नगर निकायों के लिए होने वाला चुनाव फिलहाल लटकता नजर आ रहा है. तमाम जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इस फैसले से चुनाव में और देरी होगी. इधर सरकार के इस फैसले ने राज्य निर्वाचन आयोग को नये सिरे से चुनाव की तैयारी करने को भी विवश कर दिया है. इससे पहले निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव से पहले नगर निकाय के खाली पदों पर चुनाव कराने की तैयारी की थी और नवंबर में चुनाव कराने का मन बनाया था. हालांकि इस फैसले पर जनप्रतिनिधियों की राय बंटी हुई है.

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गौरतलब है कि धनबाद, देवघर, चास नगर निगम सहित राज्य के 14 शहरी नगर निकायों में पिछले वर्ष मई में चुनाव कराए जाने थे, मगर कोरोना संक्रमण के कारण आयोग ने इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था. इधर राज्य निर्वाचन आयोग ने फिर इसके चुनाव की तैयारी शुरू की थी. लेकिन अब राज्य सरकार ने नगर निकायों में गैर दलीय आधार पर चुनाव कराने का फैसला कर लिया. रांची निगम के पार्षद अर्जुन यादव ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि दलीय आधार पर मेयर-डिप्टी मेयर पद पर चुनाव होने और पार्षदों के लिए यह प्रक्रिया न अपनाई जाने से मेयर उनकी नहीं सुनते थे.

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नियमावली में बदलाव

अब सरकार के फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग नये सिरे से तैयारियों में जुट गया है. गैरदलीय आधार पर चुनाव कराने के लिए आचार संहिता सहित निर्वाचन नियमावली में बदलाव किया जा रहा है. शहरी नगर निकाय चुनाव ईवीएम के माध्यम से एक दिन में संपन्न कराने की तैयारी आयोग ने की है. चुनाव चिन्ह को लेकर पूर्व में आयोग की ओर से की गई तैयारी में भी फेरबदल किया जा रहा है.

सरकार के फैसले पर उठ रहे हैं सवाल

इधर सरकार के फैसले पर जनप्रतिनिधियों की राय बंटी हुई है. शहरी नगर निकाय क्षेत्र के कुछ निर्वाचित जनप्रतिनिधि सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं तो कुछ फैसले के पक्ष में भी हैं. नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने सरकार के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा है कि देश के अन्य राज्यों का भी अध्ययन कर सरकार को फैसला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक वर्ष से अधिक समय से राज्य के 14 शहरी निकायों में निर्वाचन नहीं हुआ है और जब राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी पूरी कर ली तो सरकार ने एक नया फैसला लेकर बखेड़ा खड़ा कर दिया है.

इन नगर निकाय क्षेत्र में चुनाव की है तैयारी

राज्य में धनबाद, बोकारो, देवघर, मेदनीनगर, गढ़वा, पश्चिम सिंहभूम, गिरिडीह, कोडरमा, गोड्डा, गुमला, सरायकेला- खरसावां, रामगढ़, हजारीबाग, चतरा जिला में पूर्ण चुनाव या उपचुनाव होना है. धनबाद, चास, देवघर में मेयर, डिप्टी मेयर सहित पूरे वार्ड के जनप्रतिनिधियों का चुनाव होना है. गिरिडीह में मेयर तथा वार्ड संख्या 9 के पार्षद के लिए उपचुनाव होगा. हजारीबाग निगम के डिप्टी मेयर, चाईबासा नगर परिषद, मधुपुर नगर परिषद के अध्यक्ष के लिए मतदान होना है. इसके अलावा मझगांव, कोडरमा, विश्रामपुर महागामा, चक्रधरपुर, नगर परिषद का चुनाव होगा. इसके साथ साथ रामगढ़ और सरायकेला में नगर पंचायत के वार्ड सदस्यों के लिए रिक्त पदों के भी चुनाव होंगे.

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