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झारखंड की 'वन देवी' से मुखातिब हुए पीएम मोदी, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में योगदान की बताई गाथा - सरायकेला की चामी मुर्मू

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं के साथ संवाद किया. इस दौरान पीएम ने झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले की चामी मुर्मू से भी बातचीत की. चामी ने अपने जीवन यात्रा के बारे में पीएम को बताया.

झारखंड की 'वन देवी' से मुखातिब हुए पीएम मोदी, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में योगदान की बताई गाथा
नरेंद्र मोदी और चामी मुर्मू

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Published : Mar 8, 2020, 8:10 PM IST

रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं के साथ संवाद किया. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट का परिचालन महिलाओं के हाथ में सौंपा. इस मौके पर झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले की चामी मुर्मू ने भी पीएम मोदी से बातचीत की और अपने अनुभवों को साझा किया.

देखें चामी मुर्मू की बात

28 साल में 2800 महिला समूह

चामी मुर्मू वर्तमान में राजनगर प्रखंड भाग-16 की जिला परिषद सदस्य हैं. महिला सशक्तिकरण की दिशा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार ने नारी शक्ति पुरस्कार-2019 से सम्मानित किया. चामी मुर्मू ने राजनगर के बगराईसाई में सहयोगी महिला संस्था का गठन किया. अब तक चामी 780 हेक्टेयर से अधिक सरकारी, गैरसरकारी और बंजर भूमि पर 2,72,5960 पौधरोपण कर चुकी हैं. इसके लिए चामी को 1996 में इंदिरा गांधी वृक्ष मित्र पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. सहयोगी महिला संस्था के जरिए कोल्हान में 2800 से अधिक महिला समूह बनाकर महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया. चामी मुर्मू अपनी संस्था की ओर से महिलाओं को बकरी पालन, मुर्गी पालन, सुअर पालन सहित विभिन्न प्रकार की स्वरोजगार योजनाओं का लाभ दिलाकर उनके परिवारों को आर्थिक रूप से सबल बनाने का काम कर रही हैं. महिलाओं को सरसों, आलू, गेहूं आदि बीज का वितरण कर उन्हें खेती के लिए प्रेरित करती हैं.

बता दें, कि सरकार हर वर्ष विशेष रूप से वंचित और कमजोर तबके की महिलाओं के सशक्तीकरण के क्षेत्र में सराहनीय काम करने वालों, समूहों व संस्थानों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करती है.गौरतलब है कि पीएम ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित महिलाओं से बातचीत कर उनका अनुभव जाना.आरिफा ने बताया कि वह कश्मीर से हैं और क्राफ्ट को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं. इसी के चलते कई महिलाओं को रोजगार भी मिले हैं. उन्होंने बताया कि इससे पहले क्राफ्ट का क्षेत्र अपनी पहचान खो चुका था.

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