रांची: झारखंड सरकार को करोड़ों का राजस्व का लाभ होगा. हाईकोर्ट ने इलेक्ट्रोस्टील कंपनी द्वारा टैक्स की राशि चुकाने की असमर्थता दिखाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया है. झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा और न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत में कंपनी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई.
इलेक्ट्रोस्टील कंपनी को झारखंड हाई कोर्ट से झटका, अदालत ने याचिका की खारिज
बोकारो के चंदनक्यारी स्थित इलेक्ट्रोस्टील कंपनी को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के उपरांत कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया है. कंपनी पर करोड़ों का बकाया टैक्स झारखंड सरकार को देना होगा. झारखंड सरकार ने टैक्स की राशि जमा करने को लेकर कंपनी को नोटिस जारी किया था. कंपनी ने उसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
दोनों न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई पूरी की. वहीं, सरकार के अधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान पूर्व अपर महाधिवक्ता मनोज टंडन ने अदालत को बताया कि कंपनी का मामला जब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल पहुंचा तो उसमें न तो झारखंड सरकार को पार्टी बनाया गया और न ही उसकी किसी भी प्रकार की सूचना दी गई. इसलिए इस याचिका को खारिज कर दिया जाए. अदालत ने उनके दलील को सही मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया.
बता दें कि बोकारो के चंदनक्यारी स्थित इलेक्ट्रोस्टील कंपनी पर वैट (VET) के बकाए को लेकर झारखंड सरकार ने नोटिस जारी कर टैक्स चुकाने का आदेश दिया. कंपनी ने अपने को दीवालिया बताते हुए टैक्स चुकाने से इनकार कर दिया. साथ ही सरकार के द्वारा जारी नोटिस को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी. उन्होंने याचिका के माध्यम से ही अदालत को बताया कि वह कंपनी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के जानकारी के बाद बिक गई है. अब वह मेदांता लिमिटेड के हाथों हैं. इसलिए वह यह टैक्स चुकता नहीं कर सकती. अदालत ने उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत याचिका खारिज कर दिया है.