रांचीः झारखंड की राजधानी रांची में रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाने वालों की अब खैर नहीं है. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते मामले को देखते हुए पिछले दिनों हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर शपथ पत्र दाखिल करने को कहा था. लेकिन ऐसा नहीं करने पर हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एस. एन. पाठक की अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई.
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हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि सुनवाई के दौरान रांची के सीनियर एसपी, ट्रैफिक एसपी और रांची नगर निगम के आयुक्त को बुलाया गया था. कोर्ट ने निर्देश दिया कि रात 10 बजे के बाद हेवी साउंड वाले लाउडस्पीकर बजाने से लोगों को परेशानी हो रही है. शादी समारोह और क्लबों में भी रात 10 बजे के बाद धड़ल्ले से लाउडस्पीकर बजाया जा रहा है. हाईकोर्ट ने अधिकारियों से पूछा कि ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन के स्तर पर क्या कदम उठाए जा रहे हैं. इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए. हाईकोर्ट ने विस्तृत सुनवाई के लिए 17 मार्च की तारीख तय की है. इससे पहले राज्य सरकार को शपथ पत्र दायर कर बताना है कि ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कुछ किया जा रहा है.
आपको बता दें कि पिछले दिनों रांची डीसी के स्तर पर शहर के प्रमुख स्थलों को चिन्हित कर साइलेंस जोन की व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया गया था. प्रशासन के मुताबिक इस मामले में 8 प्राथमिकी भी दर्ज की गई है. इसके बावजूद रात 10 बजे के बाद भी शादी समारोह और पार्टी के नाम पर तेज लाउडस्पीकर बजाने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं. हाईकोर्ट के इस रूख के बाद उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन अब इस मामले को और ज्यादा गंभीरता से लेगा.