झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

एफएसएल सहायक निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने से हाई कोर्ट का इंकार, याचिका निष्पादित - मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन

झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की डबल बेंच में एफएसएल सहायक निदेशक नियुक्ति मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इसमें कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार कर दिया.

Jharkhand High Court refuses to stay appointment process of FSL Assistant Director
एफएसएल सहायक निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने से हाई कोर्ट का इंकार

By

Published : May 4, 2022, 10:57 PM IST

रांची: झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की डबल बेंच में एफएसएल सहायक निदेशक नियुक्ति मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने एफएसएल के सहायक निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में दायर रिट याचिका की सुनवाई कर रही एकल पीठ को यह निर्देश दिया कि ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के बाद 4 सप्ताह में इस याचिका की सुनवाई पूरी करे.

ये भी पढ़ें-झारखंड पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, ओबीसी आरक्षण को लेकर दायर याचिका खारिज

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता संजय पिपरवार ने बताया कि FSL के असिस्टेंट डायरेक्टर की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग और नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि याचिका के निष्पादन से जो भी आदेश आएगा, उससे नियुक्ति प्रभावित होगी. यह आदेश झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट ने दिया था.

अधिवक्ता पिपरवार ने बताया कि सिंगल बेंच के इस आदेश को LPA के माध्यम से डबल बेंच में चुनौती दी गई थी. उसी याचिका की सुनवाई में डबल बेंच ने भी नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार करते हुए याचिका निष्पादित कर दी है. अधिवक्ता संजय पिपरवार ने बताया कि अपराजिता मीना सोरेन एवं अन्य ने FSL के सहायक निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देते हुए LPA दाखिल किया. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत में बहस किया. JPSC की ओर से अपने वरीय अधिवक्ता के साथ प्रिंस कुमार ने अदालत में पक्ष रखा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details