रांचीः धनबाद जेल में शूटर अमन सिंह हत्याकांड की जांच एसआईटी करेगी. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय मिश्रा की अदालत ने मौखिक रुप से महाधिवक्ता से कहा कि इसके पीछे एक बड़ा षड्यंत्र दिख रहा है. इसलिए इसकी जांच एसआईटी से कराई जानी चाहिए. अब इसपर फैसला राज्य सरकार को लेना है. हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि इस मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी. इस मामले में कोर्ट ने जेल आईजी से रिपोर्ट भी मांगी है.
मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान जेल आईजी उमाशंकर सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में इस्तेमाल किए गये हथियार बरामद कर लिए गये हैं. हत्या में शामिल शख्स को पकड़कर अलग सेल में रखा गया है. जेल आईजी ने बताया कि जेल मैन्युअल को लेकर लापरवाही मामले में जेलर समेत सात कक्षपाल को निलंबित भी कर दिया गया है. इस मामले में चार प्राथमिकी भी दर्ज हुई है. जेल आईजी ने कोर्ट को बताया कि इस हत्याकांड में और कौन-कौन शामिल हैं, इसकी तहकीकात चल रही है. पूरे जेल को सेनिटाइज किया जा रहा है, सीसीटीवी की भी जांच की जा रही है.
रविवार 3 दिसंबर को दिनदहाड़े शूटर अमन सिंह को धनबाद जेल में गोलियों को भून दिया गया था. जेल जैसे सुरक्षित जगहों पर हुई गोलीबारी की घटना पर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया था. इसी बीच 4 दिसंबर को झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जेल आईजी को वर्जुअल माध्यम से जुड़कर पक्ष रखने को कहा था. जेल आईजी उमाशंकर सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि यह मामला बेहद गंभीर है. उन्होंने एक टीम बनाई है जो तीन शिफ्ट में सभी सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है. इस बात पर विशेष फोकस किया जा रहा है कि आखिर जेल के भीतर आर्म्स पहुंचा कैसे. क्योंकि जेल के भीतर अगर कोई भी सामान जाता है तो उसकी चेकिंग होती है. जब भी इस तरीके का प्लांड मर्डर होता है तो उसके पीछे एक बड़ी प्लानिंग होती है. इसलिए सभी लिंक को खंगाला जा रहा है. धनबाद पुलिस इस काम में जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि जेल में कुल 214 कैमरे लगे हैं. उम्मीद है कि सीसीटीवी फुटेज को बारीकी से खंगाले जाने के बाद बहुत कुछ सामने आ सकता है. उस आधार पर भी कार्रवाई होगी.